- तालाब और बंजर जमीन को पाटकर कर दी गई प्लॉटिंग

- करीब 35 बीघा जमीन पर अवैध कब्जा

- जमीनों का बाजार मूल्य पचास करोड़ से भी अधिक

LUCKNOW: नगर निगम के पास जमीन की कमी नहीं है। पर, यह भी सच है कि खुद निगम को नहीं मालूम की उसके पास कहां और कितनी जमीन है। इसका फायदा अवैध कब्जेदार उठा रहे हैं। अकेले प्रियदर्शिनी वार्ड के जरहरा गांव में नगर निगम के 35 बीघा से ज्यादा जमीन पर अवैध तरीके से कब्जा किया जा चुका है। इसमें तालाब और बंजर भूमि भी शामिल है। इसके बावजूद नगर निगम हाथ पर हाथ धरे हुए है।

निगम की जमीन पर प्लॉटिंग

प्रियदर्शिनी वार्ड के जरहरा गांव में नगर निगम की जमीन पर दबंगों ने कब्जा कर न केवल प्लॉटिंग कर दी बल्कि तालाब और बंजर जमीन पर लोगों ने मकान भी खड़े कर दिए। यह हाल केवल प्रियदर्शिनी वार्ड का नहीं बल्कि सिटी के अन्य वार्ड का भी है। जहां अवैध तरीके से लोगों ने निगम की जमीन पर कब्जा किया है। खासकर, बॉर्डर एरिया वाले वार्ड में अवैध कब्जे का मामला सबसे ज्यादा है।

दो महीने पहले की थी शिकायत

प्रियदर्शिनी वार्ड का जरहरा गांव बीकेटी बॉर्डर से जुड़ा है। यह वार्ड बीकेटी के मोहम्मदपुर, अमराई गांव, बसहा और सूगामऊ के चौहद्दी से जुड़ा हुआ है। जरहरा गांव नगर निगम की सीमा में कई वर्षो पहले शामिल किया गया था। लगातार गांव में नगर निगम की जमीन पर कब्जे हो रहे हैं। करीब 35 बीघा जमीन में कब्जा हो चुका है। दो महीने पहले पार्षद प्रेम चंद्र वर्मा ने इस मामले में नगर आयुक्त से शिकायत भी की थी।

एक नजर अवैध कब्जे पर

खतौनी नंबर प्रकार

00163 तालाब (अकृषि और जलमग्न भूमि)

00166 ऊसर (अन्य कारणों से अकृषिक)

00162 बंजर (अन्य कृषि योग्य बंजर भूमि)

00163 तालाब (अकृषिक और जलमग्न भूमि)

रिकॉर्ड में दर्ज तालाब की जमीन

रिकॉर्ड के मुताबिक, खसरा नंबर- 121,123,313,322,398,419 स, 422, 433 स, 457, 458, 500, 502, 511, 529, 560 स, 610 व 322स यानी कुल 17 खसरा नंबर हैं जो तालाब की भूमि हैं। आश्चर्य की बात यह है कि इन सब पर अवैध कब्जा है।

चिन्हित कर वैरीकेडिंग किया जाना था

बता दें कि नगर निगम की जमीनों को चिन्हित कर उन्हें खाली करा वैरीकेडिंग किए जाने का प्रस्ताव सदन में पास हुआ है। निगम ने कब्जा हो चुकी कुछ जमीनों को खाली भी कराया था। उन जमीनों को कंटीले तार से वैरीकेडिंग किया जाना था। यही नहीं पार्षदों ने भी मांग की थी कि नगर निगम की संपत्ति को ऑनलाइन किया जाए ताकि उन पर हो रहे अवैध कब्जे को रोका जा सके। सदन में प्रस्ताव बना लेकिन उसे अमलीजामा अभी तक नहीं पहनाया जा सका।

प्रियदर्शिनी वार्ड के जरहरा गांव में जमीन के कब्जे की जानकारी मिली है। पार्षद ने भी इस मामले में आपत्ति जताई थी। फ्राईडे को इस मामले की जांच कराई जाएगी। जल्द ही अवैध कब्जेदारों से जमीन खाली कराया जाएगा।

- उदय राज सिंह

नगर आयुक्त, नगर निगम।

जरहरा गांव में नगर निगम के करीब 35 बीघा जमीन अवैध तरह से कब्जा कर उनकी प्लॉटिंग कर दी गई है। इसमें तालाब और बंजर भूमि शामिल है। कई बार इसकी शिकायत नगर आयुक्त और तहसीलदार से भी की है।

-प्रेम चंद्र वर्मा

पार्षद, प्रियदर्शिनी वार्ड।

Posted By: Inextlive