कभी पलटन बाजार का अतिक्रमण भी हटा पाएगा निगम?
- पिछले साल निगम ने की थी पलटन बाजार से अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई
-व्यापारियों के विरोध के चलते बैकफुट पर आया निगम -निगम का आरोप, पलटन बाजार के व्यापारी ठेलियों व फड़ वालों से वसूलते हैं हजारों DEHRADUN: दून की सड़कों पर कब्जा किए ठेलियों और रेहडि़यों वालों के खिलाफ नगर निगम का डंडा खूब चलता है। लेकिन पलटन बाजार से अतिक्रमण हटाना नगर निगम के बस में नहीं। पलटन बाजार के व्यापारियों का नगर निगम के अफसरों में इतना खौफ है कि वे यहां से अतिक्रमण हटाने की बात तक नहीं सोचते हैं। इस बात की पुष्टि नगर निगम के अधिकारी स्वयं कर रहे हैं। पिछले साल हटाया था अतिक्रमणनगर निगम ने पिछले साल पलटन बाजार से अतिक्रमण हटाने की हिम्मत दिखाई थी। लेकिन व्यापारी व नगर निगम के कर्मचारी आपस में ही भिड़ गये थे। जिसके बाद निगम की दोबारा पलटन बाजार के खिलाफ अतिक्रमण हटाने की हिम्मत नहीं हुई। पलटन बाजार में अतिक्रमण का आलम यह है कि पैदल चलने तक को यहां जगह नहीं है। पूरी सड़क फेरी और रेहड़ी वालों ने कब्जा कर रखा है। जिससे पलटन बाजार आने वाले लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।
दुकानदार वसूलते हैं रुपएपलटन बाजार में दुकान के बाहर फड़ लगाकर सामान बेचने वालों से दुकानदार हर माह छह हजार रुपये वसूलते हैं। इस बात की पुष्टि नगर निगम कर रहा है। निगम का कहना है यदि वहां से अतिक्रमण हटाया गया तो दुकानदारों को नुकसान होता है। जो दुकानदार नही चाहते। इसी कारण अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई नहीं हो पाती।
व्यापार एसोसिएशन खुद सड़क पर लगी ठेलियों के खिलाफ है और जहां तक प्रतिमाह हर ठेलियों से छह हजार रुपये वसूले जाने की बात निगम कह रहा है, बकवास है। इस तरह के झूठे आरोप लगाकर निगम व्यापारियों को टारगेट कर रहा है। जबकि हकीकत है कि निगम के पास अतिक्रमण हटाने का तरीका ही नहीं है। उमेश अग्रवाल, व्यापार एसोसिएशन पलटन बाजार पलटन बाजार में दुकान के बाहर लगी ठेलियों से प्रतिमाह दुकानदार छह हजार रुपये वसूलते हैं। पिछले साल निगम द्वारा अतिक्रमण हटाने की कोशिश की गई थी, जिसका व्यापारियों ने पुरजोर विरोध किया था। विनय प्रताप, कर अधीक्षक (भूमि), नगर निगम