एक साथ तीन पीढि़यों का अंत
- दादा से लेकर पोते तक परिवार में कोई नहीं बचा
- खुदकुशी से पहले घर में किया हवन-पूजन सुंदर सिंह Meerut: रघुकुल विहार स्थित श्रीमोहन अरोड़ा का मकान जहां कल रात तक खुशियां बसती थीं, आज शमशान में तब्दील हो चुका था। एक ही छत के नीचे तीन पीढि़यों की लाशें लटक रही थी। मां-बेटा, पति-पत्नी एक साथ, एक ही जगह पर फांसी पर झूल रहे थे। बेड पर 70 साल के बुजुर्ग का शव पड़ा था। घटना स्थल पर कोई विधि के विधान को कोस रहा था, तो कोई कयास लगा रहा था कि कर्ज के चलते आखिर कैसे पूरा परिवार एक साथ खुदकुशी कर सकता है। खुदकुशी से पहले हवनजिस कमरे में श्रीमोहन अरोड़ा का शव मिला, उसमें फर्श पर एक हवन कुंड रखा था, जिसमें ताजी राख थी। अनुमान लगाया जा रहा है कि चूंकि परिवार के सभी सदस्यों के साथ जान दे रहे थे, इसलिए खुदकुशी से पहले पूरे परिवार ने अपनी आत्माओं की शांति के लिए एक साथ हवन किया था। चूंकि वह जानते थे कि उनकी मौत के बाद उनके लिए कर्मकांड करने वाले भी शायद नसीब न हों। कमरे का नजारा देख हर किसी की आंख भर आई।
मिलनसार था पूरा परिवारअधिकारियों ने आसपास के लोगों से मृतक परिवार के विषय में जानकारी की तो लोगों ने बताया कि मोहन अरोड़ा का पूरा परिवार काफी मिलनसार था। इन दिनों पूरे परिवार के नवरात्री के व्रत चल रहे थे। वहीं कमरे में मंदिर भी सजा हुआ था, जिससे पता चल रहा था कि मरने से पहले सबने पूजा भी की थी। पड़ोसियों के अनुसार मृतक विनीत सुबह दुकान पर चला जाता था, जबकि परिवार की महिलाएं और श्रीमोहन घर पर रहते थे। वहीं अभिषेक 12 वी का छात्र था। जो सुबह स्कूल जाता था और दोपहर को टयूशन। पूरा परिवार काफी खुशहाल था।
कोई परेशानी जाहिर नहीं की पड़ोसियों के अनुसार कुछ समय से उक्त परिवार पर मोटे कर्ज की चर्चा थी, लेकिन परिवार के किसी सदस्य ने पड़ोसियों के सामने अपनी परेशानी जाहिर नहीं की, जिसके चलते घटना में कई सवाल उठ रहे हैं। वर्जन एक ही परिवार के दो या दो से अधिक सदस्य आत्महत्या करते हैं तो सुसाइड पैक्ड कहते हैं। यह परिस्थिति तब पनपती है, जब व्यक्ति चारों ओर से घिर जाता है। उसे संभलने की कोई उम्मीद ही नहीं दिखाई देती तो वह इस तरह का कदम उठाते हैं। -डॉ। रवि राणा, सीनियर साइकाट्रिस्ट ---