- कार टूर, हेरिटेज वॉक संग बिखरे संगीत के रंग

LUCKNOW: इंडो वेस्टर्न धुन व ताजदार जुनैद एंड बैंड की धुन पर लोग थिरक रहे थे। जैसे-जैसे शाम हो रही थी लोगों पर म्यूजिक का जादू सिर चढ़कर बोल रहा था। मौका था सनतकदा फेस्टिवल पर आयोजित म्यूजिकल इविनिंग का। जिसमें सभी ने जमकर मस्ती की। शुरू में स्लो म्यूजिक से प्रोग्राम की शुरुआत हुई। बाद में बैंड के सदस्यों ने गिटार, ड्रम की ऐसी जुगलबंदी पेश की कि हर कोई थिरकने पर मजबूर हो गया। इंडो वेस्टर्न के संगीत ने फेस्टिवल की शाम को यादगार बना दिया।

कार टूर से सैर की

म्यूजिकल इविनिंग से पहले किस्सागोई से लेकर कार टूर, हैरिटेज वॉक का लोगों ने लुत्फ उठाया। फेस्टिवल के दूसरे दिन पुराने साथियों के एक जोशीले समूह ने कार टूर लखनऊ के पुराने घर और परिवारों से मुलाकात की। यह टूर साथियों को शहर की सड़कों की सैर कराता हुआ लखनऊ की रिहाइश प्रदर्शनी और किताब में वर्णित कुछ घरों में भी ले गया। जिसमें खजूर गांव पैलेस, खूखान मंदिर वजीरगंज, दल्लन सौदागर की कोठी समेत कई जगह शामिल हैं। वहीं हैरिटेज वॉक में आर्मी पब्लिक स्कूल और राज कुमार इंटर कॉलेज के बच्चों ने ऐतिहासिक विरासत के बारे में विस्तार से जाना। दिन में बारादरी में भीमसेन खुराना द्वारा निर्देशित 'घरौंदा' फिल्म दिखाई गई। दोपहर बाद जेम्स आइवरी द्वारा निर्देशित फिल्म 'द हाउसहोल्डर' दिखाई गई।

किताब का किया विमोचन

फेस्टिवल में शाम को प्रोफेसर हबीब ने 'लखनऊ के सामाजिक इतिहास से कुछ हिस्से' शीर्षक पर चर्चा की। शाम को 'अमृतलाल नागर किस्सागोई तख्त' का आयोजन किया गया। किस्सागोई तख्त व्यक्तिगत कहानियों की एक श्रृंखला है जो सुनने वालों को लखनऊ की सुनहरी यादों में वापस भेज देता है। परवीन तल्हा और डॉ। सबीहा अनवर ने अपने शब्दों से समां बांधा। साथ ही उन्होंने छोटी छोटी कहानियों का संग्रह और साहित्यिक समीक्षा पर एक किताब भी प्रकाशित की है।

Posted By: Inextlive