स्वच्छ भारत अभियान को आगे बढ़ाएंगे इंजीनियरिंग संस्थान
- अभियान से जुड़ेंगी संस्थानों की एनसीसी और एनएसएस इकाइयां
- एआईसीटीई ने देशभर के सभी इंजीनियरिंग संस्थानों को दिए निर्देश ravi.priya@inext.co.in DEHRADUN: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा चलाए गए विशेष अभियान स्वच्छ भारत अभियान को अब इंजीनियरिंग संस्थानों के स्टूडेंट्स गति प्रदान करेंगे। संस्थानों में स्थापित नेशनल कैडेट कोर यानि एनसीसी और राष्ट्रीय सेवा योजना यानि एनएसएस इकाइयां इसका जिम्मा संभालेंगी। ऑल इंडिया काउंसिल फॉर टेक्निकल एजुकेशन (एआईसीटीई) ने इसे लेकर देशभर के संस्थानों को निर्देश जारी किए हैं। मिशन को आगे बढ़ना मकसदस्वच्छ भारत अभियान को महज एक कार्यक्रम न बनाकर इसे एक मिशन के तौर पर विकसित करने के मकसद से एआईसीटीई ने इंजीनियरिंग संस्थानों को अभियान का हिस्सा बनने के निर्देश दिए हैं। काउंसिल का मानना है कि जन सहभागिता से चलने वाले इस अभियान का दायरा ख्0क्ब् के ब्ख् प्रतिशत के मुकाबले बढ़कर म्ख् प्रतिशत हो गया है। ऐसे में अब जन जागरूकता का ये अभियान कॉलेजों के कैंपस में भी चलना चाहिए। एआईसीटीई ने सभी संबद्ध संस्थानों को नागरिकों के इधर उधर थूकने के आचरण को हतोत्साहित करने के लिए अभियान शुरू करने को कहा है।
एनएसएस और एनसीसी भी देगी साथदरअसल खुले में थूकने की आदत बहुत प्रचलित है। इसे जनजागरूकता के माध्यम से ही खत्म किया जा सकता है। ऐसे में इस पर रोक लगाने के साथ मानसिकता में बदलाव लाने की भी पहल की जा रही है। एआईसीटीई ने इसके लिए राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस) और नेशनल कैडेट कोर (एनसीसी) जैसे स्वैच्छिक समूहों को भी जोड़ने की पहल की है। संस्थानों में एनएसएस और एनसीसी की इकाइयां स्टूडेंट्स को साफ सफाई और यहां वहां थूकने के गलत आचरणों को लेकर जागरूक करने का काम करेगी।
दस हजार से अधिक संस्थानों के करीब ख्0 लाख स्टूडेंट्स को अभियान से जोड़ना काउंसिल का मकसद है। इसके सकारात्मक बदलाव देखने को मिलेंगे। जाहिर है कॉलेज कैपसों में चलाये जाने से स्वच्छ भारत अभियान को एक बड़ा फलक मिलेगा। ----- प्रो। पीके गर्ग, वाइस चांसलर, उत्तराखंड टेक्निकल यूनिवर्सिटी