टीम इंडिया घर में भी पस्त
घर के शेर अपनी सरजमीन पर भी नहीं दहाड़ पाए. पहले इंग्लैंड ने अपने होम ग्राउंड पर 4-0 से धोया और अब टीम इंडिया को उसी के घर पर 2-1 पटखनी दे दी. इंग्लैंड ने टीम इंडिया को उसी के घर में 28 साल बाद हराया. इस तरह लंबे समय तक घर के शेर रहने वाले हमारे खिलाड़ी 8 साल बाद घर पर भी पिट गए. इयान बेल और एलिएस्टर कुक ने सेकेंड इनिंग में सेंचुरी लगाकर नागपुर टेस्ट ड्रॉ करवा सीरीज पर इंग्लैंड का कब्जा जमाया. ट्रॉट 143 रन बनाकर आउट हुए जबकि इयान बेल ने बिना आउट हुए 116 रनों की पारी खेली. दिन भर विकेट को तरसे इंडियन बॉलर्स
मैच के चौथे दिन थोड़ी उम्मीद थी कि टीम इंडिया के बॉलर्स आखिरी दिन फर्स्ट सेशन में कुछ विकेट निकालकर मैच में जीत हासिल करने की कोशिश करेंगे. मगर टीम इंडिया के बॉलर्स दिन भर विकेट के लिए तरसते रहे. ट्रॉट और बेल ने 474 गेंदें खेल 208 रनों की पार्टनरशिप कर टीम इंडिया की जीत की आस खत्म कर दी. पूरे दिन में टीम इंडिया को केवल 1 विकेट हासिल हुआ. जब 143 रन बनाने वाले ट्रॉट को अश्िवन ने कोहली के हाथों कैच कराया. धोनी की कप्तानी में पहली होम सीरीज हार
टीम इंडिया के सबसे लकी कप्तान कहे जाने वाले महेंद्र सिंह धोनी अब टीम के लिए अनलकी साबित हो रहे हैं. उन्होंने जब से कप्तानी संभाली है यह पहला मौका है जब टीम उनकी कप्तानी में कोई होम सीरीज हारा है. धोनी की कप्तानी में टीम इंडिया इंग्लैंड के खिलाफ लगातार 2 सीरीज हार चुकी है. इस होम सीरीज में मिली हार से पहले टीम इंडिया ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 2003-04 में होम सीरीज हारा था. धोनी की हर कोशिश नाकाम मुंबई और कोलकाता टेस्ट हारने के बाद धोनी पर इस मैच में जीत हासिल करने का दबाव था. इंग्लैंड पर दबाव बनाने के लिए धोनी 4 स्िपनर्स के साथ उतरे और उन्होंने अपनी बैटिंग लाइनअप लंबी करने के लिए जडेजा और अश्िवन को टीम में शामिल किया. फर्स्ट इनिंग में इंग्लैंड को 330 रनों पर ऑल आउट करने के बाद कोहली और धोनी ने मोर्चा संभाला. टीम इंडिया किसी तरह इंग्लैंड के स्कोर तक पहुंच पाई. धोनी ने 326 रनों पर इनिंग डिक्लेयर कर जीत की कोशिश की. मगर उनके बॉलर्स कुछ कमाल नहीं दिखा सके और लगभग 2 दिनों की बॉलिंग में इंग्लैंड के केवल 4 विकेट गिरे. फ्लॉप हुई स्ट्रॉंग इंडियन बैटिंग
वीरेंद्र सहवाग, गौतम गंभीर, सचिन तेंदुलकर, विराट कोहली और धोनी जैसे सितारों से सजी इंडियन बैटिंग लाइन अप इस सीरीज में बुरी तरह फ्लॉप रही. इंग्लैंड ने जहां मुंबई टेस्ट 10 विकेट से तो कोलकाता टेस्ट 9 विकेट से जीता. इस सीरीज के टॉप 5 बैट्समैन में केवल पुजारा का नाम शामिल था. सीरीज में 562 रनों के साथ कुक पहले नंबर पर रहे जबकि 438 रन बनाने वाले पुजारा दूसरे नंबर पर रहे. अक्सर मुश्िकल हालातों में से हमेशा टीम इंडिया को उबारने वाले सचिन तेंदुलकर इस बार खुद ही मुश्िकल में नजर आए. इस सीरीज में खराब परफॉर्मेंस के बाद उन पर रिटायरमेंट का दबाव बढ़ गया है. पिचें हमारी बॉलर्स उनके चले
इस सीरीज में टर्निंग ट्रैक की डिमांड को लेकर धोनी की काफी फजीहत हुई. धोनी की जिद की वजह से उन्हें टर्निंग ट्रैक दिए गए. मगर धोनी अपने बिछाए जाल में ही फंस गए. इस सीरीज में इंग्लैंड के स्िपन पेयर ग्रीम स्वान और मोंटी पनेसर ने इंडियन बैटिंग लाइन अप को बिखेरकर रख दिया. ग्रीम स्वान ने 4 मैचों में 20 जबकि मोंटी पनेसर ने 3 मैचों में 17 विकेट लिए. इंडिया की तरफ से केवल ओझा ने अच्छी बॉलिंग की. ओझा ने सीरीज में 20 विकेट हासिल किए.