- माघ मेला के मद्देनजर घाटों पर तन गए ध्वज पताका

- श्रद्धालु झंडे देखकर तीर्थ पुरोहितों की कर सकेंगे पहचान

ALLAHABAD: संगम नगरी प्रयाग की अपनी अलग महिमा और पहचान है। मेले में लोगों के लिए सबसे अधिक आकर्षण का केन्द्र तीर्थ पुरोहितों के निशान हैं। जो उनकी पुरानी विरासत और परम्परा की परिचायक हैं। माघ मेला में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए ये पताकाएं तीर्थ पुरोहित तक पहुंचने के लिए सहायक का कार्य कर रही हैं। घाटों से लेकर आश्रम तक में ध्वज पताका तन गए हैं।

पताकाओं पर अलग-अलग होते है निशान

प्रयाग नगरी में तीर्थ पुरोहितों की पताकाओं पर निशान भी अलग -अलग होते है। जो उनकी अलग पहचान को बताते है। प्रयागवाल सभा के राजेन्द्र पालीवाल ने बताया कि सैकड़ों किलोमीटर से दूर आने वाले श्रद्धालु इन प्रतीक चिन्हों के सहारे अपने तीर्थ पुरोहित की शरण में पहुंचते है। इनमें प्रमुख रूप से पताकों में दिखने वाले निशानों में महल, चांदी का क्षत्र, सोटा व बेना, कराही, रेडियो, घोड़ा, पंखी लुटिया, राधा कृष्ण, हाथी, हरि मछली, संदूख, रेल, काली मछली, चार खाना पिजड़ा, पिटारी, छोटे हनुमान आदि शामिल है। उन्होंने बताया कि पूरे मेला क्षेत्र में तीर्थ पुरोहितों के लिए पौने सात सौ बीघा जमीन आवंटित की जाती है। जिसमें लगभग साढ़े आठ सौ तीर्थ पुरोहितों की हिस्सेदारी होती है।

मठों व अखाड़ों के प्रतीक चिन्ह की है खास अहमियत

माघ मेले में आने वाले मठों व संत महात्माओं के कैंप पर लगने वाले प्रतीक चिन्ह की अपनी अलग पहचान है। माघ मेले में आने वाले संत महात्मा के भक्त भी इन्हीं पहचान के जरिए अपने गुरू तक पहुंचते है। मेले में खाक चौक पर लगे श्री मोरपंख मोरध्वज शिविर, महंत श्री बृजभूषण दास के शिविर में भी अलग रंग की पताका अपने वैभव का प्रदर्शित कर रही है। पताका के बारे में मंहत श्री बृजभूषण दास ने बताया कि मोरध्वज शिविर दिगम्बर अखाड़े से संबंधित है। जिसकी पताका पांच रंगों में बटी हुई है। इसमें लाल, सफेद, काला, हरा, पीला रंग है। क्योकि मानव शरीर पांच तत्वों से बना है। इसी कारण दिगम्बर अखाड़े से संबंधित मोरध्वज की पताका भी पांच रंगों में है।

विरासत को कर रहे प्रदर्शित

इसी प्रकार मेले में श्री लक्ष्मी नारायण मंदिर देवस्थान धमार्थ ट्रस्ट का प्रतीक चिन्ह भी अपने आप में कई महत्व को खुद में समेटे हुए है। ट्रस्ट के महंत श्री स्वामी घनश्यामाचार्य जी महाराज ने बताया कि ट्रस्ट का प्रतीक चिन्ह पांच प्रतीकों का समावेश है। इसमें शंख, चक्र, तिलक, गरूण और हनुमान जी को है। मेले में अन्य महंत के पंडालों पर भी अलग-अलग तरह के प्रतीक चिन्ह है। जो उसकी पारम्परिक विरासत को प्रदर्शित करते है।

Posted By: Inextlive