पर्यावरण प्रदूषण से निपटना आज का गंभीर विषय
- बरेली कॉलेज में पर्यावरण विषय पर चल रहे तीन दिवसीय इंटरनेशनल सेमिनार का हुआ समापन
>BAREILLY : पर्यावरण विज्ञान विभाग में चल रहे तीन दिवसीय इंटरनेशनल सेमिनार का ट्यूजडे को समापन हो गया। कार्यक्रम के चीफ गेस्ट डीके गुप्ता बरेली कॉलेज के पूर्व अध्यक्ष रहे। सेमिनार में अफगानिस्तान से आए अकरम नशारी और मयात सू मून ने कई महत्वपूर्ण जानकारियों से अवगत कराया। पर्यावरणविदों ने बढ़ते प्रदूषण को गंभीर समस्या बताते हुए उससे निपटने के भी उपाय भी बताए। मनुष्य ही अपना दुश्मनचीफ गेस्ट डॉ। डीके गुप्ता ने कहा कि मनुष्य ही मनुष्य का दुश्मन बनता जा रहा है। मनुष्य स्वार्थी हो गया है। जल प्रदूषण, एवं अन्य प्रदूषण से मानव का स्वास्थ्य एवं जंतु जातियों को नुकसान होता है। इसके बाद भी लगातार पर्यावरण खरपतवार नाशक यूज कर रहा है। उन्होंने बताया कि भारत में सबसे अधिक प्रदूषित नदी गंगा तथा यमुना है। जैव विविधता पर चर्चा करते हुए उन्होंने इससे बचने के भी उपाय बताए।
भारत और अफगानिस्तान मिलकर करें कामअफगानिस्तान से आए अकरम नाशरी ने अपने देश में पर्यावरण संबंधी समस्याओं के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान में युद्ध से काफी समस्याएं उत्पन्न हुई हैं, जिसमें वायु, जल और मृदा प्रदूषण बढ़ा था। इसमें सबसे अधिक मृदा प्रदूषण बढ़ा। भारत और अफगानिस्तान को मिलकर काम करना चाहिए। इसके साथ उन्होंने मृदा प्रदूषण कम करने के उपाय बताए। उन्होंने कहा कि भारत और अफगानिस्तान मिलकर एक डैम भी बना रहे हैं।
आर्गेनिक खेती करें म्यांमार से आई मायात शू मून ने सबसे पहले भारत और म्यांमार की स्थिति का कम्प्रेजन और समस्या के साथ संक्षिप्त खाका पेश किया। कहा कि खरपतवार नाशक के ज्यादा यूज से कहीं न कहीं मानव पर प्रभाव पड़ता है। उन्होंने कहा कि हम सभी को आर्गेनिक खेती करना चाहिए। स्टूडेंट्स ने रखे विचार बीएचयू से आए शोध छात्र विशाल त्रिपाठी ने हैक्साक्लोरोसाइकिल केमिकल के बारे में बताया जो कि भारत में प्रतिबंधित है। इसके प्रभाव से पौधों की बढ़त रुक जाती है। इसके साथ बरेली कॉलेज के पर्यावरण विज्ञान की छात्रा श्रति शर्मा ने हिरोशिमा और नागासाकी धमाके पर चर्चा की। इससे रेडियो एक्टिव पॉल्यूशन वहां के वातावरण में फैल गया था। एक लाख लोग मारे गए तथा इस प्रदूषण से कई प्रकार की बीमारी फैल गई। इन्हें दिया गया पुरस्कारकार्यक्रम के समापन के समय पुरस्कार वितरण किया गया एनवॉयरमेंट कंजर्वेशन अवॉर्ड बाबा भीमराव अंबेडकर यूनिवर्सिटी के डॉ। जीवन सिंह तथा इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस एंड वॉटर कंजर्वेशन देहरादून के डॉक्टर आनंद गुप्ता को दिया गया। बेस्ट अकेडमी नेशन अवार्ड कुमायूं यूनिवर्सिटी अल्मोड़ा की डॉ। प्रियंका सागर एवं डॉ। केपी सिंह को दिया गया। यंग साइंटिस्ट अवॉर्ड एमजेपीआरयू प्लांट साइंस के डॉ। समीर चंद्रा को दिया गया। बेस्ट रिसर्च अवॉर्ड रवि कुमार गंगवार को दिया गया। बीएचयू से आए शोध छात्र विशाल त्रिपाठी एवं पर्यावरण विज्ञान विभाग की छात्रा को ओरल अवॉर्ड दिया गया।