EPF खाताधारकों को लग सकता झटका, EPFO कर सकती है ब्याज दरों में कटौती
कानपुर। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) वित्त वर्ष 2019-20 के लिए ब्याज दरों की कटाैती की तैयारी कर रहा है। इससे ईपीएफ के करोड़ों खाताधारकों को निवेश रकम पर मिलने वाले ब्याज का नुकसान हो सकता है। इसके लिए सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज यानी सीबीटी ने आगामी 5 मार्च 2020 को ब्याज दरों की समीक्षा के लिए अहम बैठक बुलाई है। सीबीटी में सरकार, संस्थानों और ट्रेड यूनियनों के प्रतिनिधि होते हैं। हाल ही में सीएनबीसी आवाज के सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक ईपीएफओ इस वित्तीय वर्ष के लिए ब्याज दरों में 15 से 25 आधार अंकों की कटौती कर सकता है।
8.65 प्रतिशत ब्याज मुश्किलइसका मतलब है कि 31 मार्च, 2020 को समाप्त होने वाले वित्तीय वर्ष के लिए लाखों वेतनभोगी अपने अनिवार्य निवेश पर कम रिटर्न अर्जित करेंगे। ईपीएफओ अपने ग्राहकों को वित्तीय वर्ष 2018-19 में 8.65 प्रतिशत का ब्याज दे रहा था। रिपोर्ट में दो सरकारी अधिकारियों का हवाला देते हुए कहा गया है कि ईपीएफओ यह निर्णय आर्थिक मंदी, ऋण बाजार साधनों में कल लाभ की वजह से लेने जा रहा है। ईपीएफओ को इस वित्तीय वर्ष में 8.65 प्रतिशत ब्याज की पेशकश करना मुश्किल होगा।
रिटायरमेंट के बाद फायदा मिलताईपीएफओ बीते वित्त वर्ष की ब्याज दरें तय करता हैं। उसने बीते साल 2019 में वित्त वर्ष 2018-19 की ब्याज दरें तय 8.65 फीसदी तय की थी। एम्प्लॉइज प्रॉविडेंट फंड (ईपीएफ) ईपीएफओ द्वारा चलाई जा रही एक स्कीम है। इसमें हर महीने कंपनी सभी कर्मचारियों की बेसिक सैलरी से 12 फीसदी पैसा काटकर और 12 फीसदी पैसा अपनी तरफ से उसके खाते में डालती है। इससे इससे कर्मचारियों को रिटायरमेंट के बाद बड़ा आर्थिक फायदा मिलता है।