बनी रह सकती है ईपीएफ की मौजूदा दर 8.65 प्रतिशत, जानें क्या है वजह
लगातार कम हो रही थी ब्याज दर2015-16 में ईपीएफ की ब्याज दर 8.8 प्रतिशत थी। सरकार ने इसे घटा कर 2016-17 के लिए 8.65 प्रतिशत कर दिया था। इससे अंशधारकों में काफी निराशा थी। ऐसा नहीं है कि इससे सिर्फ कर्मचारी ही दुखी थे। ईपीएफओ पर भी लगातार ईपीएफ दरों को स्थिर रखने का बड़ा दबाव था। यही वजह थी कि ईपीएफओ ने तय किया कि कुछ राशि शेयर बाजार में लगाई जाए। गत वर्ष ईपीएफओ ने 2886 करोड़ रुपये एक्सचेंज ट्रेडेड फंड के रूप में बेचा था ताकि मौजूदा ब्याज दर बरकरार रखी जाए।बाजार से 16 प्रतिशत मिला रिटर्न
सूत्रों के हवाले से प्राप्त जानकारी के अनुसार, ईपीएफओ ने 1054 करोड़ रुपये पर 16 प्रतिशत का रिटर्न प्राप्त किया है। जानकारों का कहना है कि इतना रिटर्न ईपीएफ पर मौजूदा ब्याज दर बनाए रखने के लिए काफी है। यही वजह है कि इस बार मौजूदा ब्याज दर में कमी किए जाने की कोई आशंका नहीं है। आने वाले समय में वित्त वर्ष 2017-18 के लिए ईपीएफ की ब्याज दर 8.65 प्रतिशत ही रह सकती है।ईटीएफ से 44 हजार करोड़ निवेश
ईपीएफओ एक्सचेंज ट्रेडेड फंड यानी ईटीएफ के जरिए 44 हजार करोड़ रुपये निवेश कर चुका है। यह रकम 2015 से ही शेयर बाजार में निवेश किया जा रहा है। अभी तक ईपीएफओ ने रिटर्न का लाभ बाजार से नहीं उठाया है। यदि ट्रस्ट इस पर कोई फैसला लेता है तो इसका फायदा अंशधारकों को भी दिया जाएगा। मौजूदा रिटर्न अंशधारकों को वर्तमान ब्याज दर अगले वर्ष भी देने के लिए पर्याप्त है।