आपने अपने शहर के प्रमुख चौराहों पर महापुरुषों और योद्धाओं की मूर्तियों को देखा होगा. इनमें से कुछ योद्धाओं की मूर्तियों में घोड़े का एक पैर जमीन पर होता है तो किसी मूर्ति में घोड़े के दोनों पैरों को हवा में देखा होगा. कभी आपने सोचा है कि इन मूर्तियों में इन योद्धाओं की मौत का रहस्‍य छुपा होता है.


स्टेच्यू बताती है सारी कहानीअगर आपको कभी अपने शहर में लगी किसी योद्धा की स्टेच्यु देखकर उसकी वीरगाथा जानने की उत्सुकता हुई है तो आपको ऐसे सभी राज उस योद्धा की मूर्ति से ही मिल सकते हैं. दरअसल हर योद्धा की मूर्ति उसके वीरगति प्राप्त करने की कहानी को बयां करती है. आप मूर्ति देखकर जान सकते हैं कि किसी योद्धा की जान कैसे गई थी. मसलन अगर आपको रानी लक्ष्मी बाई की मौत कहानी जाननी है तो आपको यह बात उनकी मूर्ति से पता चल सकती है. रानी लक्ष्मीबाई की मूर्ति में उनके घोड़े के दोनों पैर हवा में जिससे पता चलता है कि रानी लक्ष्मीबाई की मौत युद्ध में लड़ते हुए हुई. छत्रपति शिवाजी की मूर्ति बताती है कहानी
अगर आपने कभी छत्रपति शिवाजी की मूर्ति देखी है तो आपको याद होगा कि छत्रपति शिवाजी की मूर्ति में उनके घोड़े का सिर्फ एक पैर हवा में हैं. जिससे पता चलता है कि छत्रपति शिवाजी की मौत भी संदेहास्पद स्थितियों में हुई. गौरतलब है कि घोड़े का एक पैर हवा में होना यह बताता है कि जिस शहीद की मूर्ति बनी है वह संदेहास्पद परिस्थितियों में या फिर युद्ध से मिले जख्मों के कारण वीरगति को प्राप्त हुआ है. इसके साथ ही अगर किसी योद्धा की मूर्ति के घोड़े के दोनों पैर जमीन पर होते हैं तो वह योद्धा प्राकृतिक मौत को प्राप्त हुआ होगा.

Posted By: Prabha Punj Mishra