- बैंक भुगतान न करने और कोर्ट में मालिकों के पेश न होने पर कोर्ट ने सुनाया फैसला

- अगली सुनवाई तक एडीएम एफआर ने बैंक को मामला स्पष्ट करने को कहा

Meerut : 35 करोड़ रुपए से अधिक का भुगतान न करने को लेकर अब ईरा मॉल नीलाम हो सकता है। भुगतान न करने की पर एडीएम एफआर की कोर्ट ने बैंक के हक में फैसला सुना दिया है। अब कोर्ट अपने पैसों की रिकवरी के लिए ईरा मॉल की नीलामी की तैयारी में जुटा है। इस प्रकरण में कोर्ट के नोटिस के बावजूद ईरा मॉल की ओर से उसके मालिकों ने कोर्ट में कोई पैरवी नहीं की और न ही वे उपस्थित ही हुए। बता दें कि स्थापना के समय ईरा ग्रुप का मालिकाना हक भी लगभग दो वर्ष पहले बदल गया है। अब इसका मालिकाना हक मेसर्स एडेल लैंडमार्क लिमिटेड के पास है।

ऐसे बढ़ता गया कर्ज

ईरा मॉल की स्थापना के समय शुरुआत में बैंक ऑफ बड़ौदा से 10 करोड़ रुपए का लोन लिया गया था। इसमें कुछ रुपया अदा ही हुआ था कि ईरा ग्रुप ने मल्टीप्लेक्स निर्माण के लिए फिर से लोन लिया। इस समय दूसरे बैंक की एंट्री हुई और दिल्ली की यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया ने बैंक ऑफ इंडिया का लोन अपने ऊपर ले लिया, साथ ही और 10 करोड़ रुपए का लोन कंपनी को दे दिया। समय के साथ कंपनी ने न ब्याज चुकाया और न ही मूल का भुगतान किया। ऐसे में यह राशि बढ़ती हुई 35 करोड़ को पार कर गई। आज ईरा मॉल संचालक पर कुल 35 करोड़ चार लाख तीन हजार 645 रुपये बकाया हो गए हैं।

नहीं आए मालिक

पिछले दिनों एडीएम वित्त की कोर्ट में सरफेसी एक्ट के तहत केस किया गया था, जिस पर सुनवाई में लगातार ईरा मॉल के मालिकान अनुपस्थित रहे, लिहाजा कोर्ट ने बैंक को संपत्ति पर कब्जे का अधिकार प्राप्त करने का ऑर्डर कर दिया। इस आदेश के बाद अब बैंक निलामी के लिए खरीदारी में जुट गया है।

23 दुकानदारों ने डाली आपत्ति

कोर्ट के फैसले के बाद अब ईरा मॉल के 23 दुकानों के मालिकों ने कोर्ट में अर्जी दी है। अर्जी में उन्होंने दावा कि है कि उन्होंने मॉल की 23 दुकानों को पहले ही खरीद लिया है, लिहाजा संपत्ति की नीलामी से उनकी दुकानों को अलग रखा जाए। उन्होंने दस्तावेजों के माध्यम से अपनी बात रखी है कि दुकानों की खरीद-फरोख्त की पूरी जानकारी बैंक ऑफ बड़ौदा को थी। ऐसे में जब उसने लोन यूनाइटेड बैंक को ट्रांसफर किया तो उसे इस बात का भी स्पष्ट उल्लेख कर देना चाहिए था। दुकानदारों के दावों के बाद कोर्ट ने यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया को अगली तिथि तक पूरी स्थिति स्पष्ट करने को कहा गया है। अगली सुनवाई दो जनवरी को तय की गई है। बताया जाता है कि इस मॉल में कुल 32 दुकानें हैं और मल्टीप्लेक्स है। मॉल का क्षेत्रफल 1116.28 वर्ग मीटर बताया गया है। अगर दुकानदारों का दावा सही बैठता है तो बैंक के पास महज नौ दुकानें, मॉल की बिल्डिंग और मल्टीप्लेक्स ही बच जाएगा।

पता नहीं, कब बदला मालिक

ईरा मॉल के पूर्व के मौजूदा शॉप संचालकों का कहना है कि शुरुआत में तो ईरा ग्रुप के नाम से सब कुछ था, लेकिन डेढ़-दो वर्ष पूर्व ही नए सिरे से बैनामे कराए गए और इसे मेसर्स एडेल लैंडमार्क लिमिटेड के नाम स्थानांतरित उसी नाम से एग्रीमेंट कराया गया, लेकिन डीड की कॉपी आज तक उन्हें नहीं दी गई। बैंक ने जो शिकायत दर्ज कराई है, उसमें कंपनी के मालिकान का नाम बिजेंद्र सिंह और नारायणवीर सिंह बताया है, जिन्हें ईरा मॉल के मौजूदा या पूर्व का कोई भी व्यापारी नहीं पहचानता।

Posted By: Inextlive