- गंदे पानी को रिसाईकल कर बनाया जाएगा पीने योग्य

- नोयडा की कंपनी से हुआ करार, अगले माह से शुरु होगा निर्माण

फैक्ट फाइल

- 16 वार्ड हैं डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल में

- 1200 मरीज ओपीडी में आते हैं डेली

- 19 डॉक्टर तैनात है डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल में

- 3-4 बच्चे चाइल्ड वार्ड में भर्ती होते हैं डेली

-60 केएलडी कैपेसिटी का बनेगा ईटीपी

बरेली : अब डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल के वार्डो से निकलने वाले गंदे को भी पीने योग्य बनाया जाएगा। जी हां यहां गंदे पानी को रिसाईकल करने के लिए अगले माह से ईटीपी यानि इंफ्ल्यूेंट ट्रीटमेंट प्लांट लगाने का काम शुरू हो जाएगा। जिसको शासन ने हरी झंडी देने के बाद बजट भी जारी कर दिया है।

23 लाख का बजट हुआ जारी

करीब छह माह पहले हेल्थ डिपार्टमेंट ने शासन को प्रस्ताव भेजा था, शासन ने विचार कर प्रस्ताव को हरी झंडी दे दी है वहीं 23 लाख का बजट भी प्लांट निर्माण के लिए जारी कर दिया है।

एक महीने में पूरा होगा काम

हेल्थ डिपार्टमेंट की माने तो प्रस्ताव के भेजने के बाद प्लांट के निर्माण के लिए कार्य योजना तैयार कर ली गई थी। नोयडा की एसएस इंजीनियरिंग कंपनी प्लांट का निर्माण करने के लिए नामित की गई है। मार्च के पहले सप्ताह से मेल सर्जिकल वार्ड के पास प्लांट का निर्माण शुरू कर दिया जाएगा और करीब एक महीने में ईटीपी लगकर तैयार हो जाएगा।

कैसे काम करेगा प्लांट

इस प्लांट में 6 हौज बनाए जाएंगे, डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल के सभी वार्डो को पाइप लाइन के माध्यम से इन हौज से जोड़ा जाएगा। जिससे वार्डो से निकलने वाला पानी प्लांट तक पहुंचेगा। प्लांट में बनाए गए छह हौज से यह गंदा पानी एक-एक करके गुजरेगा। इस पानी को छाना जाएगा। इससे पानी में मौजूद करीब 60 फीसदी अशुद्धियां दूर हो जाएंगी। इसके बाद अन्य पांचों हौज में इस पानी को सैनेटाइज करके पीने योग्य बनाया जाएगा और फिर पाइप लाइन के माध्यम से हॉस्पिटल की पानी की टंकियों तक पहुंचा दिया जाएगा।

पशु भी होते थे शिकार

डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल में घूमने वाले आवारा पशु भी नालियों में बह रहा पानी पी लेते हैं जिससे उन्हें संक्रमण की समस्या बनी रहती है। ईटीपी लगने के बाद इस समस्या से निदान मिलेगा।

अगले माह से हॉस्पिटल परिसर में ईटीपी का निर्माण शुरू होगा, इसके लिए 23 लाख का बजट प्राप्त हो गया है। निर्माण के लिए कंपनी भी नामित कर दी गई है।

पूजा चौहान, हॉस्पिटल मैनेजर।

Posted By: Inextlive