-यूपी बोर्ड मूल्यांकन का शिक्षक नेताओं ने किया विरोध

-मंगलवार को गोरखपुर के 5 सेंटर पर दोपहर बाद शुरू हो सका मूल्यांकन

जब अमेरिका सुरक्षित नहीं है तो हम आप क्या चीज हैं। भारत की सेना सुरक्षित नहीं है तो आप लोग कौन सा सुरक्षा कवच लेकर आए हैं। अपना नहीं तो अपने बच्चों के बारे में सोचिए। ये कहना है शिक्षक नेता रणजीत सिंह का, जिन्होंने पहले ही दिन मूल्यांकन का सभी सेंटर्स पर जाकर विरोध दर्ज कराया। दर्जनों शिक्षक नेताओं ने सभी सेटंर्स पर जाकर वहां मौजूद टीचर्स ने एक ही निवेदन किया कि वे मूल्यांकन का बहिष्कार करें। दोपहर एक बजे तक ये सब चलता रहा। इसके बाद जेडी और डीआईओएस की पहल पर मूल्यांकन कार्य शुरू हुआ और शाम 5 बजे तक चला।

सुबह ही एक्टिव हो अधिकारी

गोरखपुर में मूल्यांकन के लिए 5 सेंटर्स बनाए गए हैं। इसमें जुबिली इंटर कॉलेज, एमजी इंटर कॉलेज, एमपी इंटर कॉलेज, एमएसआई इंटर कॉलेज और सेंट एडयूज का नाम शामिल है। मंगलवार सुबह 10 बजे से सभी सेंटर्स पर मूल्यांकन कार्य शुरू करना था। इसके हिसाब से कॉलेज प्रबंधन ने भी तैयारी कर रखी थी। मूल्यांकन को लेकर शिक्षक नेताओं ने अपना पहले ही विरोध दर्ज करा दिया था। मूल्यांकन में कोई रूकावट ना आए इसको लेकर जेडी योगेन्द्र नाथ सिंह और डीआईओएस ज्ञानेन्द्र प्रताप सिह भदौरिया भी सुबह ही एक्टिव हो गए।

पहले दिन 30 फीसदी एग्जामनर हुए प्रेजेंट

गोरखपुर में बनाए गए 5 सेंटर्स पर कुल 2977 एग्जामनर की ड्यूटी कॉपियां की जांच के लिए लगाई गई है। इसमें केवल 1017 एग्जामनर ही प्रेजेंट रहे। पहले दिन मंगलवार को सेंट एडयूज इंटर कॉलेज में 365 में से 245 एग्जामर प्रेजेंट रहे। इसी तरह एमएमसआई इंटर कॉलेज में 961 में 340 प्रेजेंट रहे। वहीं, एमपी इंटर कॉलेज में 383 में से 128 एग्जामनर पहुंचे। एमजी इंटर कॉलेज में 334 में 116 और जुबिली इंटर कॉलेज में 351 में से 128 एग्जामनर प्रेजेंट रहे। इस तरह पहले दिन 30 फीसदी एग्जामनर ही कॉपियां जांचने पहुंच। बाकी अप्सेंट रहे।

एमपी में देर तक चला हंगामा

सुबह मूल्यांकन शुरू हुआ तो सबसे पहले सेंट एडयूज में नेताओं का जमावड़ा लग गया। कॉलेज परिसर में भीड़ की सूचना मिलते ही जेडी और डीआईओएस पहुंचे। वहां मौजूद नेताओं को किसी तरह समझा-बुझाकर हटाया। इसके बाद भी 1 बजे तक कई एग्जामनर बैठने को लेकर इधर उधर घूमते नजर आए। जिनके बैठने का अरंजमेंट डीआईओएस ने कराया। इसी तहर सुबह एमपी इंटर कॉलेज में सैनिटाइजर को लेकर शिक्षक नेता हंगामा करते नजर आए। इस दौरान मूल्यांकन कक्ष में सन्नाटा पसर गया। घंटों बोर्ड स्टूडेंट का भविष्य ऐसे ही डेस्ट पर पडा रहा। एग्जामनर भी कॉपियों की तरफ नहीं देख पाए।

लक्ष्य से रह गए काफी पीछे

गोरखपुर में कुल 7.39 लाख कॉपियां चेक होनी है। इसके लिए पहले दिन 76289 हजार कॉपियां जांचने का लक्ष्य बनाया गया था। लेकिन जो भी टीचर रूरल एरिया या फिर उसे दूर से आना था वो बस और रेलगाडी की सुविधा ना होने की वजह से नहीं आ पाया। इस कारण केवल 18225 हजार ही कॉपियां चेक हो पाई। वहीं शिक्षक नेताओं के विरोध की वजह से भी हुई लेट लतीफि से भी एग्जामनर कॉपियां कम जांच पाए।

गोरखपुर में मूल्यांकन सेंटर- 5

गोरखपुर में कॉपियों का मूल्यांकन होना है -7. 39 लाख

एक दिन में कॉपियां जाचने का लक्ष्य- 76289 हजार

मंगलवार को कॉपियां चेक हुईं- 18225 हजार

कॉपियां जांचने के लिए लगाए गए एग्जामनर- 2977 हजार

मंगलवार को मूल्यांकन करने पहुंचे एग्जामनर- 1017 हजार

वर्जन-

गोरखपुर में मूल्यांकन के लिए 5 सेंटर बनाए गए हैं। सोशल डिस्टेंसिंग के लिए बुधवार से मारवाड इंटर कॉलेज को भी मूल्यांकन सेंटर बनाया जा रहा है। हम लोग सभी सेंटर्स पर व्यवस्था देख रहे हैं। सेनिटाइजर और पानी की उचित व्यवस्था करवाई गई है।

योगेन्द्र नाथ सिंह, जेडी

25 मई तक कॉपियां जांचनी है। बच्चों का भविष्य खराब ना हो इसके लिए समय से रिजल्ट निकालना प्राथमिकता है। मूल्यांकन में कोई रूकावट ना आए इसके लिए सुबह से ही सभी सेंटर्स का दौरा कर रहा हूं।

ज्ञानेन्द्र प्रताप सिंह भदौरिया, डीआईओएस

सरकार शिक्षकों के साथ खिलवाड कर रही है। सेंटर्स पर सोशल डिस्टेंसिंग जरा भी पालन नहीं हो रहा है। ना ही सेनिटाइजर और मास्क की व्यवस्था नजर आई है। बहिष्कार पूरी तरह सफल रहा। कुछ ही शिक्षक पहुंचे थे। सरकार को लॉकडाउन तक मूल्यांकन स्थगित करना ही होगा।

दिग्विजन नाथ पाण्डेय, जिलाअध्यक्ष, शिक्षक नेता

Posted By: Inextlive