पुलिस की भी नहीं सुनते शोर मचाने वाले लखनवाइट्स
- आदेश की नाफरमानी में गाजियाबाद दूसरे, नोएडा तीसरे, कानपुर नगर चौथे औ आगरा पांचवें नंबर पर
- प्रदेश में 90 प्रतिशत शिकायतों पर लोगों ने किया पुलिस का सहयोग LUCKNOW : बोर्ड एग्जाम्स शुरू हो चुके हैं, लेकिन लखनवाइट्स शोर मचाने से बाज नहीं आ रहे। इतना ही नहीं, वे शिकायत मिलने पर पहुंचने वाली पुलिस को भी बिना शोर को बंद किये चलता कर दे रहे हैं। यूपी 112 में पहुंच रही शिकायतों में लखनऊ ऐसे मामलों में पहले नंबर पर है। जबकि, गाजियाबाद दूसरे व नोएडा तीसरे नंबर पर है। वहीं, इन तीन जिलों केा छोड़ दिया जाए तो 90 प्रतिशत शिकायतों में लोगों ने पुलिस का सहयोग किया और शोर को फौरन बंद कर दिया। एक ही जगह की कई बार शिकायतएडीजी असीम अरुण ने बताया कि एग्जाम के दौरान छात्रों को शोर से होने वाली परेशानी को लेकर यूपी 112 ने बीती 15 फरवरी से अभियान चला रखा है। इसी के तहत महज एक सप्ताह में पूरे प्रदेश में 4669 शिकायतें कंट्रोल रूम को मिलीं। जिनमें 90 प्रतिशत शिकायतों में लोगों ने पुलिस पहुंचने पर सहयोग किया और शोर को बंद कर दिया। वहीं, लखनऊ में सबसे ज्यादा पुलिस को शोर बंद कराने में मशक्कत करनी पड़ी। एडीजी ने बताया कि राजधानी में 35 शिकायतों ऐसी मिलीं जहां दो से तीन बार जाकर शोर बंद कराना पड़ा। यानी पुलिस के पहुंचने पर लोग शोर बंद कर देते और वापस लौटते ही फिर से चालू कर देते। ऐसी शिकायतों में गाजियाबाद दूसरे नंबर पर रहा, जहां 23 शिकायतें ऐसी रहीं जहां बार-बार पुलिस को एक ही जगह जाकर शोर बंद कराना पड़ा। नोएडा में 17, कानपुर नगर में 16 और आगरा में 14 ऐसी शिकायतें रहीं।
बॉक्स। 26 जिलों में मिला पूरा सहयोग एडीजी अरुण ने बताया कि प्रदेश के 28 जिले ऐसे रहे जहां लोगों ने ध्वनि प्रदूषण के खिलाफ अभियान में 112 का पूरा सहयोग किया और ध्वनि प्रदूषण की शिकायत मिलने पर पुलिस को महज एक बार ही मौके पर जाना पड़ा। वहीं, पूरे प्रदेश में 47 जिले ऐसे भी हैं, जहां पर पुलिस ाके तेज आवाज बंद कराने के लिये एक ही जगह पर एक बार से ज्यादा बार जाना पड़ा। बॉक्स। क्या है पैरामीटर्स (डेसीबल)क्षेत्र दिन में रात में
औद्योगिक क्षेत्र 75 70 वाणिज्य क्षेत्र 65 55 आवासीय क्षेत्र 55 45शांत परिक्षेत्र 50 40
वर्जन ध्वनि प्रदूषण के खिलाफ अभियान में 90 प्रतिशत लोगों ने सहयोग किया है। जो 10 प्रतिशत लोग पुलिस की चेतावनी के बाद भी नहीं सुधर रहे उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई के निर्देश दिया गया है। असीम अरुण एडीजी, 112