राष्ट्रीय जनता दल राजद के प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने कहा है कि उनकी पार्टी के सभी विधायक उनके साथ हैं और जल्दी ही वह इस बात को साबित कर देंगे.


लालू ने पटना में राजद की बैठक में जाने से पहले संवाददाताओं से कहा, "यह नीतीश कुमार की भारी साजिश है. वह भाजपा से भी मिले हुए हैं. दोनों दल मिलकर हमारी पार्टी को तोड़ना चाहते हैं लेकिन हमारे सभी विधायक पार्टी के साथ हैं और कुछ देर में वे आपके सामने होंगे."बिहार राजनीतिक तौर पर एक बेहद संवेदनशील राज्य माना जाता है और लोकसभा चुनाव से ऐन पहले इस राज्य का राजनीतिक तापमान अचानक काफ़ी बढ़ गया है.राजद में जहाँ टूट की ख़बरें आ रही हैं, वहीं रामविलास पासवान की पार्टी लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) के भारतीय जनता पार्टी के साथ पींगें बढ़ाने के संकेत हैं.सोमवार को राजद के कुछ विधायकों ने दावा किया कि उन्होंने पार्टी से अलग अपना गुट बना लिया है और विधानसभा में उन्हें मान्यता भी मिल गई है.


बीबीसी से बातचीत में बाग़ी विधायकों में से एक जावेद इक़बाल अंसारी ने दावा किया कि उनके साथ राजद के 22 में से 13 विधायक हैं. इनमें विधानसभा में पार्टी के उपनेता सम्राट चौधरी भी हैं.हालांकि कुछ ही देर बाद विधानसभा में पार्टी विधायक दल के नेता अब्दुल बारी सिद्दीक़ी ने एक प्रेस कॉन्फ़्रेंस में अंसारी के इस दावे पर सवाल खड़े कर दिए.

सिद्दीकी ने आरोप लगाया कि बिहार में सत्तारूढ़ जनता दल (यू) के इशारे पर पार्टी तोड़ने की कोशिश की जा रही है.बागी विधायकों की सूची"यह नीतीश कुमार की भारी साजिश है. वह भाजपा से भी मिले हुए हैं. दोनों दल मिलकर हमारी पार्टी को तोड़ना चाहते हैं लेकिन हमारे सभी विधायक पार्टी के साथ हैं"-लालू प्रसाद, राजद नेतासंवाददाता सम्मेलन में  राजद के वे छह विधायक भी मौजूद थे जिनके नाम 13 बागी विधायकों की सूची में थे.इन विधायकों ने दावा किया कि उनके हस्ताक्षर सही नहीं हैं और वे अब भी पार्टी के साथ हैं.पटना के स्थानीय पत्रकार अजय कुमार ने बताया कि इन विधायकों में से कुछ ने सोमवार रात पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी से मुलाकात की.इस बीच भाजपा नेता शाहनवाज़ हुसैन ने  नीतीश सरकार पर जोड़-तोड़ का आरोप लगाया है.उन्होंने कहा, "भाजपा जब अलग हो गई तो विधायकों की संख्या घट गई है इसलिए जेडीयू को अपने पर भरोसा कम है. सरकार जोड़-तोड़ में लगी हुई है लेकिन बिहार की जनता उनके साथ नहीं है. हां, ये सही है कि सत्ता उनके पास है और वे सत्ता का दुरुपयोग कर रहे हैं."बहुमत का सवाल

दरअसल  भाजपा के गठबंधन से अलग होने के बाद नीतीश सरकार अल्पमत में है. माना जा रहा है कि 13 विधायकों के समर्थन से सरकार सदन में बहुमत में आ सकती है और यही वजह है कि राजद के कथित बागी विधायकों के गुट को तुरंत मान्यता दे दी गई. इस बीच लोजपा भाजपा के साथ पींगें बढ़ा रही है. हालांकि दोनों ही पार्टियों ने इस पर अभी कोई सार्वजनिक घोषणा नहीं की है.पासवान भाजपा नेतृत्व वाले एनडीए का हिस्सा रह चुके हैं और साल 2002 में गुजरात दंगों का हवाला देते हुए उन्होंने इस गठबंधन से किनारा किया था.माना जा रहा है कि बिहार में भाजपा के कुछ स्थानीय नेता पासवान के साथ गठबंधन के पक्ष में नहीं है. वैसे भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने भी कहा है कि उन्हें गठबंधन की किसी चर्चा की जानकारी नहीं है.उधर पासवान के पुत्र और चिराग पासवान ने कहा "जब न्यायालय ने मोदी को दंगों के मामले में क्लीन चिट दे दी है तो अब यह कोई मुद्दा नहीं रह गया है."

Posted By: Subhesh Sharma