बिल्वेश्वर नाथ मंदिर में लगा है रामायणकालीन पेड़

Meerut. सदर स्थित श्री बिल्वेश्वरनाथ महादेव मंदिर में लगा खिन्नी का पेड़ भक्तों की आस्था का केंद्र है. मान्यता है कि यह पेड़ रामायण कालीन है और इसकी पूजा करने से हर मन्नत पूरी हो जाती है.

मंदोदरी करती थी पूजा

मंदिर के पुजारी आचार्य पंडित हरीश चंद्र जोशी बताते हैं कि त्रेता युग में मंदोदरी अपनी सखियों के साथ रोजाना इस मंदिर में आती थी. सुबह-सुबह वह भगवान शिव की विधिवत पूजा करती थी. उसके साथ ही इस पेड़ की भी पूजा करती थी. उनकी तपस्या से प्रसन्न होकर भगवान भोलेनाथ ने एक दिन उन्हें दर्शन दिए थे और वरदान मांगने के लिए कहा था, जिसके बाद उन्होंने भोलेनाथ से विद्वान पति का वर मांगा था. बाबा की कृपा से इसी मंदिर में रावण से मंदोदरी की पहली मुलाकात हुई थी, जिसके बाद ही दोनों की शादी हुई.

लोग मांगते हैं मन्नत

बिल्वेश्वर नाथ मंदिर में लगे इस पेड़ की पूजा का भी विशेष महत्व है. मंदिर में पूजा करने के बाद लोग इस पेड़ की परिक्रमा करते हैं और अपनी मन्नत मांगते हैं. मंदिर के पुजारी बताते हैं कि लगातार 40 दिन तक इस पेड़ की परिक्रमा लगाने से मुंहमांगी मुराद पूरी होती है. मुराद पूरी होने के बाद भक्त यहां आकर इस पेड़ की सेवा भी करते हैं.

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Posted By: Lekhchand Singh