सेंट्रल बोर्ड ऑफ फिल्म सर्टिफिकेशन को आम लोग सेंसर बोर्ड के नाम से जानते हैं। यह एक सेंसरशिप बॉडी है जो मिनिस्ट्री ऑफ इंर्फामेशन एंड ब्राडकास्ट के अंडर में काम करती है। सेंसर बोर्ड फिल्म टेलीवीजन टेलीवीजन एड सहित उन सभी को सर्टिफिकेट देती है जो जनता के बीच में दिखाया जाता है। सेंसर बोर्ड के द्वारा सर्टिफिकेट दिए जाने के बाद ही फिल्म को रिलीज किया जा सकता है। सख्त कानून की वजह से CBFC दुनिया में सबसे ताकतवर सेंसर बोर्ड में से एक है। पहलाज निहलानी CBFC के वर्तमान चेयरपर्सन हैं। CBFC का हेडक्वार्टर मुंबई में हैं। क्या आप ने कभी सोचा है CBFC सर्टिफिकेट में दी गई उन चीजों के बारे में। अगर नहीं तो आज हम आप को बताएंगे फिल्म सर्टिफिकेट के बारे में। यह सर्टिफिकेट फिल्म शुरु होने से पहले दस सेकेंड के लिए दिखाया जाता है। जिनमें U U/A A S कई तरह के फिल्म सर्टिफिकेट होते हैं।
By: Prabha Punj Mishra
Updated Date: Fri, 03 Jun 2016 07:38 PM (IST)
2-इस सर्टिफिकेट का मतलब है 12 साल से कम उम्र के बच्चों को यह फिल्म देखने के लिए माता-पिता का मार्गदर्शन चाहिए।4-A सर्टिफिकेट मिलने वाली फिल्मो में थियेटर यह ध्यान रखे कि बच्चे इसे ना देखें।6-इस सर्टिफिकेट का मतलब है कि यह आप को फिल्म की भाषा, कलर, फिल्म का नाम फिल्म, फिल्म 2डी में है या 3डी में है जैसी जानकारी होती है।8-कुछ सर्टिफिकेट में ड्यूरेशन को फिल्म की रील की लेंथ यानी कुल समय से बदल दिया गया है।10-इसका मतलब है कि यह आप को सर्टिफिकेट नंबर सेंसर बोर्ड ऑफिस की लोकेशन और सर्टिफिकेट जारी करने के साल की जानकारी देगा।
13-इस सर्टिफिकेट का अर्थ है कि यह सिर्फ उन्हें दिया जाता है जिन फिल्मों में सेंसर बोर्ड कुछ सीन कट कर देता है।15- यह सर्टिफिकेट सेंसर बोर्ड द्वारा कट किए गए सीन की जानकारी देता है।
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