स्टार्ट अप शुरु तो करिए, सरकार इस तरह करेगी आपकी मदद
स्टार्टअप के यह हैं नियम
किसी कंपनी को स्टार्टअप कैटेगरी में आने के लिए उसके प्राइवेट लिमिटेड, पार्टनरशिप फर्म अथवा लिमिटेड लॉयबिलिटी पार्टनरशिप फर्म के रूप में रजिस्टर्ड होना जरूरी है। साथ ही कंपनी पांच साल से पुरानी नहीं होनी चाहिए। टर्नओवर की बात करें तो इसके लिए 25 करोड़ तक की सीमा रखी गई है तभी वह कंपनी स्टार्टअप की कैटेगरी में शामिल हो सकती है।
ये सारी सुविधाएं देगी सरकार
- स्टार्टअप के लिए सेल्फ सर्टिफिकेशन आधारित कंप्लायंस होगा।
- पेटेंट एप्लीकेशन फीस में 80 परसेंट की छूट सरकार से मिलेगी।
- तीन साल तक स्टार्टअप का कोई इंस्पेक्शन नहीं किया जाएगा।
- प्रॉफिट होने पर भी तीन साल तक स्टार्टअप को इनकम टैक्स में छूट मिलेगी।
इसके अलावा सरकार और भी कई सुविधांए मुहैया कराएगी।
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