सबूत कह रहे हैं लूट या अपहरण करना नहीं था ज्योति के कत्ल का मोटिव
न लूट, न अपहरण, सिर्फ हत्या की थी साजिश!
पुलिस की जांच में ज्योति और पीयूष के साथ न तो लूट की घटना साबित हुई और न ही अपहरण की कहानी. अगर वारदात कुछ लूटने के लिए ही की गई तो ख्0 लाख की कार, ज्योति का मंहगा मोबाइल और कार में रखी और कीमती चीजें कैसे बरामद हुईं? और अपहरण की थ्योरी इसलिए फेल हो जाती है क्योंकि अपहरण के घंटे भर में ही ज्योति की हत्या हो गई. आईजी आशुतोष कुमार पांडे ने वारदात में लूट और अपहरण दोनों ही संभावनाओं से सिरे से इंकार किया है. साथ ही पूरी वारदात में साजिश होने की बात कही है. सवाल यही उठता है कि अगर ज्योति की हत्या साजिश थी तो उसकी हत्या क्यों की गई और उससे फायदा किसे हुआ? बदमाशों को तो बिल्कुल नहीं, क्योंकि वह कुछ लूट कर ही नहीं ले गए.
पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इशारा
हत्या इतनी बेरहमी से हुई हत्या में सबसे ज्यादा वार उसके चेहरे और गर्दन पर किए गए. पोस्टमार्टम रिपोर्ट के मुताबिक ज्योति के शरीर पर क्9 बार धार दार हथियार से हमला किया गया. क्क् निशान तो उसके सिर ओर गले में ही हैं. इसके अलावा भ् पेट में और दो कूल्हे में पीछे की तरफ चोटों के निशान मिले हैं. सभी निशान एक ही हथियार के हैं, ऐसा डॉक्टर्स का मानना है. डॉक्टरों में पैनल के किए पोस्टमार्टम में ज्योति के नाखूनों में बाल भी मिले हैं. इससे प्रतीत होता है कि ज्योति ने कातिल से बचने के लिए काफी जद्दोजहद की थी.
केवल जान से मारना उद्देश्य था!
पोस्टमार्टम रिपोर्ट में उसके साथ रेप या उसके प्रयास के निशान नहीं मिले. हालाकि छह स्लाइडें बनाई गई हैं. लेकिन जब उसकी बाडी मिली थी तो उसके कपड़े बिल्कुल ठीक थे. बस उसके हाथ की एक उंगली कटी थी. परिजनों के मुताबिक उस उंगली में ज्योति ने एक अंगूठी पहनी हुई थी.
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