विधानसभा चुनाव नहीं लड़ेंगे विजय बहुगुणा
-बहुगुणा ने किया ऐलान, नहीं लड़ना चाहता चुनाव
-मंत्री और विधायक सरकार को कर रहे ब्लैकमेल-बहुगुणा हरिद्वार: पूर्व मुख्यमंत्री और हाल ही में बीजेपी में शामिल हुए विजय बहुगुणा अब विधानसभा चुनाव नहीं लड़ना चाहते। हरिद्वार में सोमवार को बहुगुणा ने ने ये ऐलान किया। जब उनसे पूछा गया कि आने वाले चुनावों में उन्हें कहां से प्रत्याशी बनाया जा रहा है तो उन्होंने जवाब दिया कि अब वह विधानसभा चुनाव लड़ना ही नहीं चाहते हैं। कांग्रेस पर लगाए आरोपबहुगुणा ने कहा कि कांग्रेस ने प्रदेश में खुद को बचाये रखने के लिए तो सदन में बहुमत साबित कर दिया, लेकिन वास्तविकता किसी से छिपी नहीं। सियासी दांव-पेच में कांग्रेस ने जो भी खेल सदन में खेला उसमें इनका चरित्र सामने आया। यह अल्पमत की सरकार है। इससे प्रदेश में बजट तक पास नहीं हो पा रहा है क्योंकि, मंत्री व गठबंधन के विधायक अपना कमीशन चाहते हैं।
जल्द चुनाव की वकालतबहुगुणा ने कहा कि राज्य में विधानसभा की 70 सीटों में से 12 सीटें खाली हैं। लिहाजा, प्रदेश में चुनाव शीघ्र कराने की जरूरत है। रावत सरकार केंद्र व भाजपा पर बजट में अड़चन डालने का मिथ्या आरोप लगा रही है। प्रदेश के विकास में केंद्र सरकार बाधक नहीं है, बल्कि इनका अल्पमत में होना है।
बॉक्स बेटे को लॉन्च करना चाहते हैं बहुगुणा दरअसल विजय बहुगुणा अब अपने बेटे सौरभ बहुगुणा को विधानसभा में लॉन्च करना चाहते हैं। वे चाहते हैं कि अब सौरभ बहुगुणा को ऊधमसिंह नगर की सितारगंज सीट से टिकट मिले। इसीलिए खुद विजय बहुगुणा इस बार चुनाव नहीं लड़ना चाहते। विजय बहुगुणा सितारगंज से ही उप चुनाव जीते थे। विजय बहुगुणा अरसे से ही बेटे सौरभ की राजनीतिक एंट्री के लिए मशक्कत करते रहे हैं। खुद के लिए वे राज्यसभा को मुफीद मान रहे थे लेकिन जब उन्हें लगा कि कांग्रेस उन्हें उत्तराखंड से राज्यसभा नहीं भेजेगी तो उन्होंने बगावत कर बीजेपी का हाथ थाम लिया। राजनीतिक विश्लेषक भी मानते हैं कि हरीश रावत के रहते वे इस बात से वाकिफ थे कि सौरभ बहुगुणा को वो टिकट नहीं दिलवा सकेंगे। अब वे अपना यह सपना बीजेपी में रहते पूरा करना चाहते हैं।