दिल्‍ली यूनिवर्सिटी का नाम इन दिनों फ‍िर से चर्चा में है. यूनिवर्सिटी के पूर्व कुलपति को लेकर. खबर है कि दिल्‍ली यूनिवर्सिटी के पूर्व कुलपति दीपक पेंटल को शोध कार्य चोरी करने और फर्जीवाड़ा करने के मामले में दिल्‍ली की एक कोर्ट के आदेश पर गिरफ्तार कर लिया गया. थोड़ी देर बाद दिल्‍ली हाईकोर्ट के निर्देश पर उन्‍हें बाद में तिहाड़ जेल से रिहा कर दिया गया.

दूसरे के शोध पत्र को छपवाया था अपने नाम से
जानकारी के अनुसार स्थानीय कोर्ट ने प्रोफेसर पी पार्थसारथी की अपील पर दीपक पेंटल को गिरफ्तार करने का आदेश दिया था. गौरतलब है कि पार्थसारथी ने पेंटल और उनके एक छात्र पर जैव प्रौद्योगिकी विषय पर उनके शोध पत्र को अपना बताकर छपवाने और इस तरह शोध कार्य चोरी करने का आरोप लगाया था. इसके साथ ही पिछले निर्देश के अनुरूप निचली अदालत में हाजिर होने पर पेंटल को पुलिस ने हिरासत में ले लिया.
गबन का भी है आरोप
इतना ही नहीं दीपक पेंटल पर धोखाधड़ी करने और विश्वविद्यालय की विज्ञान प्रयोगशाला से कुछ जैविक सामग्री का गबन करने का भी आरोप लगा है. जानकारी है कि पेंटल के वकील तुरंत उच्च न्यायालय पहुंचे और उनकी काफी कोशिशों के बाद अदालत ने उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगा दी. बताते चलें कि पेंटल 2005 से 2010 तक दिल्ली यूनीवर्सिटी के कुलपति रहे थे.
जाना-माना नाम है दीपक पेंटल
ऐसा भी नहीं है कि पेंटल का नाम लोगों के बीच फेमस न हो. ट्रांसजेनेट्किस के क्षेत्र में उनका बहुत बड़ा नाम है. गौरतलब है कि दीपक पेंटल जेनेटिक्स के प्रोफेसर और जाने-माने रिसर्चर हैं. वह डीयू के वाइस चांसलर भी रहे हैं. जाने-माने एक्सपर्ट के तौर पर भी उनका नाम सबसे ऊपर लिया जाता है. जानकारी है कि अब तक पेंटल के 60 से ज्यादा रिसर्च पेपर में प्रकाशित हो चुके हैं. उनके योगदान को देखते हुए उन्हें कई अवार्ड भी मिले हैं.

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Posted By: Ruchi D Sharma