-मंत्री पद का दुरुपयोग कर खुद की कंस्ट्रक्शन कंपनी को ए क्लास में रजिस्टर्ड कराने का है आरोप

-कंपनी में पार्टनर हरिनारायण राय की पत्नी सुशीला देवी के खिलाफ आठ नवंबर को होगा आरोप का गठन

-2010 में हाईकोर्ट ने जांच का जिम्मा सीबीआई को सौंपने का दिया था आदेश

-चार्जफ्रेम के दौरान हरिनारायण राय सहित अन्य आरोपित अदालत में थे उपस्थित

रांची : सीबीआई के विशेष जज एके मिश्रा की अदालत में मंगलवार को पूर्व मंत्री हरिनारायण राय, एनोस एक्का की पत्नी मेनन एक्का, पथ निर्माण विभाग के चीफ इंजीनियर जय प्रकाश, विभागीय क्लर्क रामजी सिंह एवं नाथू राम के खिलाफ आरोप तय किया गया। अभियुक्त के खिलाफ आईपीसी की धारा 120 बी, 420, 471 व पीसी एक्ट 13(2) के तहत चार्ज फ्रेम किया गया। यह मामला आरसी 04ए/10एच से जुड़ा है। हरिनारायण राय पर ग्रामीण विकास मंत्री रहते हुए खुद की महामाया कंस्ट्रक्शन कंपनी का रजिस्ट्रेशन रूरल वर्क डिविजन में क्लास वन(ए) श्रेणी में कराने का आरोप है। जबकि कंपनी क्लास वन(ए) ग्रेड के लिए योग्यता नहीं रखती थी।

करोड़ों का ठेका

रजिस्ट्रेशन के आधार पर कंपनी को दुमका एवं देवघर में सड़क एवं पुल निर्माण के लिए करोड़ों के ठेके मिले। काम के दौरान कंपनी ने 10 करोड़ 40 लाख 16 हजार 98 रुपये विभाग से प्राप्त किये थे। चार्ज फ्रेम के दौरान हरिनारायण राय एवं अन्य अभियुक्त भी अदालत में उपस्थित थे।

सीबीआई ने हरिनारायण राय की पत्नी सुशीला देवी, छोटा भाई संजय कुमार राय, तत्कालीन कार्यपालक पदाधिकारी उपेंद्र प्रसाद सिंह को भी आरोपी बनाया है। सुशीला देवी पर चार्ज फ्रेम के लिए अदालत ने आठ नवंबर की तिथि तय की है।

सीबीआई ने दर्ज की थी प्राथमिकी

इस मामले में पहले विजिलेंस की ओर से प्राथमिकी दर्ज की गई। विजिलेंस ने हरिनारायण राय के साथ एनोस एक्का सहित अन्य के खिलाफ कांड संख्या 26/2008 दर्ज किया था। बाद में हाईकोर्ट ने सीबीआई को छानबीन का निर्देश दिया। सीबीआई ने 2010 में प्राथमिकी दर्ज कर अनुसंधान शुरू किया।

Posted By: Inextlive