छ्वन्रूस्॥श्वष्ठक्कक्त्र : तिहरे हत्याकांड के आरोपी सिवान के पूर्व सांसद शहाबुद्दीन को बड़ी राहत मिली है। जमशेदपुर की कोर्ट ने उन्हें इस मामले में बरी कर दिया है। सोमवार को जिला व सत्र न्यायाधीश अजीत कुमार की अदालत में फैसले के बिंदु पर सुनवाई हुई। शहाबुद्दीन की पेशी वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए कराई गई। शहाबुद्दीन के अधिवक्ता केवल कृष्ण व जी बराट बाबला ने अदालत से कहा कि आरोपी शहाबुद्दीन के खिलाफ कोई ठोस साक्ष्य नहीं है। ऐसे में उन्हें बरी किया जाए। अदालत ने दलीलें सुनने के बाद शहाबुद्दीन को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया।

इनकी हुई थी गवाही

तिहरे हत्याकांड के इस मामले में कुल नौ लोगों की गवाही हुई थी। इनमें मो। नौशाद, अख्तर हुसैन, तरुण कुमार, डा। प्रवीण चंद्र, बृजलाल साव, प्रमात्मा सिंह, डा। शिव शंकर प्रसाद, सुरेन्द्र कुमार सहित अन्य की गवाही कोर्ट में हुई थी। प्राथमिकी के शिकायतकत्र्ता प्रदीप मिश्रा का बाडीगार्ड ब्रह्मेश्वर मिश्रा का बयान अब तक कोई में नहीं हो पाया है। क्योंकि वह कई वर्षो से लापता है। उसकी तलाश पुलिस नहीं कर सकी है।

2 फरवरी 1989 को हुई थी तीन की हत्या

2 फरवरी वर्ष 1989 को जुगसलाई थाना क्षेत्र में पावर हाउस के सामने कांग्रेसी नेता प्रदीप मिश्रा, आनंद राव व जनार्दन चौबे की गोली मार कर हत्या कर दी गई थी। इस मामले में प्रदीप मिश्रा के अंगरक्षक ब्रह्मेश्वर पाठक के बयान पर जुगसलाई थाना में प्राथमिकी दर्ज की गई थी। इस मामले में बिहार वैशाली से सांसद रामा सिंह, पूर्व सांसद शहाबुद्दीन, कल्लू सिंह, पारस सिंह व समेत चार अन्य आरोपी थे। सभी आरोपियों के मामले की सुनवाई एक साथ चल रही थी।

सिर्फ एक बार ही कोर्ट में पेशी

वर्ष 2005 में शहाबुद्दीन को जमशेदपुर की कोर्ट में पेश किया गया था। इसके बाद से शहाबुद्दीन की पेशी नहीं हो पायी थी। अन्य आरोपियों की ओर से कोर्ट में अर्जी दी गई थी कि उनके मामले में सुनवाई की जाए। इसके बाद शहाबुद्दीन के मामले को अलग कर दिया गया था। हालांकि, कोर्ट से शहाबुद्दीन को पेश करने के लिए बिहार के मुख्य सचिव से लेकर डीजीपी तक को लेटर लिखा गया था। इसके बावजूद पेशी नहीं हो पा रही थी। शहाबुद्दीन को तिहाड़ जेल में स्थानांतरित किए जाने के बाद वहां से वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए पेशी शुरू हुई थी। सीआरपीसी की धारा 313 के तहत उनका बयान कराया गया था।

ये पहले ही कर दिए गए थे बरी

इस मामले में 26 अप्रैल 2006 में पारसनाथ सिंह, सुशील कुमार सिंह, वैशाली से सांसद रामा सिंह, दिलीप सिंह उर्फ कल्लू को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया गया था। मामले के दूसरे आरोपी साहेब सिंह व विरेन्द्र सिंह की मौत हो चुकी है।

Posted By: Inextlive