RANCHI : पूर्व नक्सली और एसपीओ धनंजय मुंडा पुलिस के हत्थे चढ़ा है। तमाड़ पुलिस ने रंगदारी मांगने के आरोप में उसे गिरफ्तार किया है। रंगदारी का यह मामला साल 2007 का है। वह तमाड़ थाना एरिया के डुंगरडीह का रहनेवाला है।

पहले भी जा चुका है जेल

तमाड़ थाना के डुंगराडीह में एक आदिवासी युवती को अगवा कर उसके साथ गैंग रेप धनंजय मुंडा ने किया था। 23 सितंबर 2012 को गैंग रेप के इस मामले मे संजय प्रमाणिक, सोमरा मुंडा और दो अन्य भी शामिल थे। पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कराने पर पीडि़ता को जान से मार देने की धनंजय ने धमकी दी थी। इसके बाद पीडि़ता अपने परिवार के साथ गांव छोड़कर चली गई थी। हालांकि, बाद में पीडि़ता ने गैंग रेप में शामिल आरोपियों के खिलाफ नेम्ड एफआईआर दर्ज करा दिया। इसके बाद पुलिस ने कार्रवाई करते हुए सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया था। इनके पास से एक स्कॉर्पियो और चार मोबाइल फोन भी बरामद किए गए थे।

कई नक्सलियों को करा चुका है सरेंडर

कुंदन पाहन दस्ते को छोड़ने के बाद पुलिस के लिए मुखबिरी करनेवाला धनंजय कई नक्सलियों को सरेंडर करा चुका है। मार्शल टूटी, चांद महतो और हरिपदो मुंडा के सरेंडर करने में धनंजय का योगदान था। इसके अलावा कई नक्सलियों की गिरफ्तारी में भी धनंजय ने पुलिस की मदद की थी।

कुंदन पाहन दस्ते में था मैगजीन कमांडर

भाकपा माओवादी के एरिया कमांडर कुंदन पाहन दस्ते के प्लाटून संख्या - 36 में धनंजय मुंडा मैगजीन कमांडर था। बुंडू, तमाड़, सोनाहातू, सिल्ली, अड़की और खूंटी इलाके में कुंदन पाहन के लिए काम करता था, लेकिन 2008 में उसने पुलिस के समक्ष सरेंडर कर दिया था। इसके बाद कुंदन के दस्ते ने उसपर हमला भी किया था, जिसमें वह बच गया था। इसके बाद से ही उसने पुलिस के लिए मुखबिरी करना शुरू कर दिया था। बाद में उसे एसपीओ बना दिया गया। वह बुंडू-तमाड़ इलाके में कुंदन के आने की सूचना पहले ही पुलिस को दे देता था, जिसके आधार पर पुलिस कार्रवाई करती थी।

Posted By: Inextlive