रेगुलर नहीं प्राइवेट में भी आ रही है दिक्कतें, कैसे देंगे परीक्षाएं

गाजियाबाद, गौतमबुद्धनगर, फैजाबाद, अलीगढ़ सहित कई जिलों की आ रही है दिक्कतें

आलाधिकारी बोले एडमिशन सही, तो तुरंत मिलेगा प्रवेशपत्र

Meerut । यूपी बोर्ड की परीक्षा सात फरवरी को शुरु हो चुकी हैं, हालांकि मेन पेपर 12 फरवरी से शुरु हैं, लेकिन पहले दिन गायन, मनोविज्ञान आदि की परीक्षा थी, ऐसे में परीक्षा शुरु होने के बावजूद भी परीक्षार्थी अपने प्रवेशपत्र लेने के लिए भटक रहे हैं, उनके अनुसार बिना प्रवेशपत्र के वो कैसे यूपी बोर्ड की परीक्षा दें समझ नहीं आ रहा है, कहीं उनका साल बर्बाद न हो जाए, यही चिंता सता रही है।

प्राइवेट रेगुलर दोनों की समस्या

ये समस्या केवल रेगुलर नहीं बल्कि प्राइवेट फार्म में भी आ रही है। गाजियाबाद के सुरेंद्र सिंह ने बताया कि उसे प्राइवेट से 10वीं का एग्जाम देना है, लेकिन अभी तक प्रवेशपत्र नहीं आया है। 12वीं की नेहा शर्मा ने बताया कि उसका फार्म जंगपुर इंटर कॉलेज, भैंसा से भरा गया था, लेकिन प्रवेशपत्र नहीं आया है, पहली परीक्षा हिंदी की है समझ नहीं आ रहा है कैसे दे।

पहले क्यों दिया दाखिला

रेगुलर की बात करें तो फैजाबाद, अलीगढ़, गौतमबुद्धनगर सहित ऐसे विभिन्न जिलों के स्टूडेंट्स हैं जिनका प्रवेश पत्र नहीं आया है। 191 कॉलेज है जिनके स्टूडेंट्स के साथ ऐसी दिक्कतें आ रही है, दरअसल आलाधिकारियों के अनुसार ये सभी वो स्टूडेंट्स हैं जिन्होंने दसवीं सीबीएसई से करने के बाद में माध्यमिक विद्यालयों में एडमिशन ले लिया है। ऐसे में वो स्कूलों को ही इन फर्जी एडमिशन के लिए जिम्मेदार मान रहे हैं। अगर गौर करें तो रेगुलर में प्रवेश देकर पूरे साल पढ़ाया गया, तब किसी ने इस पर कोई आवाज नहीं उठाई, ऐसे में तो स्कूलों के साथ विभाग भी जिम्मेदार बनते हैं। क्योंकि सेशन शुरु होने से लेकर आखिरी तक एक बार तो भनक विभाग को भी लगनी चाहिए थी।

मेरा हिंदी का एग्जाम है, लेकिन अभी तक प्रवेशपत्र नहीं आया है। बोर्ड जाते हैं तो वहां बाबू ये बोलते हैं एक दो दिन में आना, मिल जाएगा।

सना

मेरे भाई का 10वीं का प्रवेशपत्र नहीं आया है, वो अभी लगातार चक्कर काट रहा है, अब मैं खुद आया हूं लेकिन यहां कोई सुनने को तैयार नहीं।

इवनप्रीत

मेरा 12 को एग्जाम है, प्रवेशपत्र आया था ठीक करने दिया है, लौटकर वापस नहीं आया, परीक्षा सिर पर है एग्जाम की भी टेंशन है ये प्रवेशपत्र की भी है।

पलक

अगर संबंधित जानकारी सही है तो प्रवेश पत्र हाथ के हाथ दे दिए जाते हैं, अगर किसी की सही जानकारी नहीं होती तो ऊपरी लेवल से ही इशू नहीं होते, ऐसे में फर्जी केस होने की अधिक आशंका रहती है।

राणा सहस्त्रांशु कुमार सुमन सचिव, क्षेत्रीय बोर्ड कार्यालय

Posted By: Inextlive