देश को झकझोर देने वाले 2012 के निर्भया सामूहिक दुष्कर्म और हत्या मामले में डेथ वारंट जारी कर दिया गया है। चारों दोषियों को 22 जनवरी को फांसी हाेगी। माना रहा है कि हाल ही बक्सर जिले से जो रस्सियां जेल निदेशालय पहुंची हैं उन्हीं से फांसी दी जाएगी।जानें कैसे तैयार होती हैं ये रस्सियां...


पटना (पीटीआई)। निर्भया सामूहिक दुष्कर्म मामले में डेथ वारंट जारी कर दिया है। डेथ वारंट भले ही 7 जनवरी को जारी हुआ हो लेकिन एक महीने पहले से ही बिहार की एक जेल को 10 रोप यानी कि रस्सियां बनाने का आदेश दिया गया था। माना जा रहा है कि इनका इस्तेमाल अब 22 जनवरी में होनी वाली चार दोषियों की फांसी में हो सकता है। बिहार राज्य की एकमात्र बक्सर जेल प्रशासन ने दिसंबर के पहले सप्ताह में रस्सी बनाने का निर्देश प्राप्त कर लिया था। अनप्रोसेस्ड कॉटन से बनते हैं रोप


इस संबंध में बक्सर जेल के अधीक्षक विजय कुमार अरोड़ा ने बताया कि रोप ​​स्ट्राॅन्ग हैं, लेकिन शॉर्ट शेल्फ लाइफ है क्योंकि ये अनप्रोसेस्ड कॉटन से बने हैं। 14 दिसंबर को जेल निदेशालय को रोप दे दिए गए थे। उन्होंने कहा कि हम नहीं जानते कि ये कहां इस्तेमाल होंगे लेकिन बक्सर जेल में ऐसी रस्सियों के निर्माण की पुरानी परंपरा है। संसद हमले के अभियुक्त अफजल गुरु को मौत की सजा देने के लिए इस्तेमाल की गई रस्सी को इसी जेल से भेजा गया था। लगभग तीन दिन में तैयार होता एक रोप

विजय कुमार अरोड़ा के मुताबिक 2016-17 में हमें पटियाला जेल से रोप बनाने के आदेश मिले थे हालांकि हमें यह नहीं पता है कि इनका क्या इस्तेमाल होना है। एक रस्सी को तैयार करने में लगभग तीन दिन लगते हैं। इन्हें बनाने में मैन्युअल वर्क ज्यादा होता है। उन्होंने कहा कि पिछली बार जब यहां से रस्सी 1,725 ​​रुपये में सप्लाई की गई थी। इसकी कीमत मुख्य रूप से लोहे और पीतल की कीमतों में उतार-चढ़ाव के कारण समय-समय पर बदलती रहती है।फांसी का समय सुबह 7 बजे निर्धारित देश को झकझोर देने वाले 2012 के निर्भया सामूहिक दुष्कर्म और हत्या मामले में कल मंगलवार को दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने चारों दोषियों की फांसी की सजा का समय मुकर्रर कर दिया है। एडिशनल सेशन जज सतीश कुमार अरोड़ा ने अपने आदेश में कहा कि इस मामले के चारों दोषियों के नाम मुकेश, विनय शर्मा, अक्षय सिंह और पवन गुप्ता को 22 जनवरी को तिहाड़ जेल में फांसी दी जाएगी। इन्हें फांसी का समय सुबह 7 बजे निर्धारित हुआ है। पैरामेडिकल छात्रा की दुष्कर्म के बाद हत्या

बता दें कि 16 दिसंबर, 2012 की रात दिल्ली में एक चलती बस में 23 साल की पैरामेडिकल छात्रा के साथ 6 लोगों ने सामूहिक दुष्कर्म कर उसे चलती बस से बाहर फेंक दिया था। 29 दिसंबर को उसकी माैत हो गई थी। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर दोषी अक्षय, मुकेश, पवन गुप्ता और विनय शर्मा को फांसी होनी है जबकि एक दोषी आरोपी राम सिंह ने तिहाड़ जेल में कथित तौर पर आत्महत्या कर ली थी। वहीं एक अन्य आरोपी किशोर को किशोर न्याय बोर्ड ने दोषी ठहराया था।उसे तीन साल तक सुधार गृह में रखने के बाद रिहा कर दिया गया था।

Posted By: Shweta Mishra