- बलरामपुर पुलिस के मॉडल पर डीजीपी मुख्यालय में मंथन

- संतरी ड्यूटी, गारद, बीट गश्त के साथ चौकियों व थानों की भी मिलेगी जिम्मेदारी

LUCKNOW : यूपी पुलिस में महिला पुलिसकर्मियों को कोर पुलिसिंग के मोर्चे पर बराबरी का मौका देने की कवायद शुरू कर दी गई है। बलरामपुर पुलिस ने महिला पुलिसकर्मियों को सभी तरह की जिम्मेदारियां देते हुए मॉडल पेश किया है। जिसमें संतरी ड्यूटी से लेकर चौकियों व थानों की जिम्मेदारी तक में महिला पुलिसकर्मी पुरुष पुलिसकर्मियों से कंधे से कंधा मिलाकर काम कर रही हैं। बलरामपुर पुलिस की महिला सशक्तिकरण की इस पहल को पूरे राज्य में लागू करने को लेकर डीजीपी मुख्यालय में मंथन शुरू हो गया है।

अनूठी पहल को सबने सराहा

बलरामपुर पुलिस ने बीते दिनों कोर पुलिसिंग के तमाम क्षेत्रों में महिला पुलिसकर्मियों को जिम्मेदारी देने के लिये 'राइजिंग शी पावर' कार्यक्रम की शुरुआत की। इस कार्यक्रम के तहत महिला पुलिसकर्मियों को पुरुष पुलिसकर्मियों के बराबर जिम्मेदारी देने का काम शुरू किया गया। जिले के 13 थानों में महिला पुलिसकर्मियों को जनसुनवाई अधिकारी, शारीरिक व्यायाम प्रशिक्षक, शस्त्र प्रशिक्षक, 12 किलो वजन की बुलेटप्रूफ जैकेट व इंसास राइफल के साथ संतरी ड्यूटी, 'भूमि शनिवार और परिवार रविवार' योजना के तहत परिवार परामर्श केंद्र में सहभागिता, शहर में गठित 546 बीटों में 96 बीटों पर महिला आरक्षी बीट प्रभारी और प्रभारी निरीक्षक की हमराह सिपाही के रूप में तैनाती दी गई।

बदलेगी छवि

फिलहाल सामान्य रूप से महिला पुलिसकर्मियों से ऑफिस कार्य, संतरी ड्यूटी, एंटी रोमियो स्क्वायड और सहकर्मी ड्यूटी ली जाती है। मामूली ड्यूटी होने की वजह से अब तक थानों में महिला पुलिसकर्मियों को सहकर्मी कम और बोझ ज्यादा समझा जाता है। हालांकि, बलरामपुर पुलिस द्वारा शुरू किये गए इस अनूठे कार्यक्रम में न सिर्फ महिला पुलिसकर्मियों की छवि को बदला बल्कि, उनमें आत्मविश्वास का संचार किया। यही वजह है कि डीजीपी मुख्यालय में इस पहल पर मंथन शुरू हो गया है। दरअसल, महिला पुलिसकर्मियों की तैनाती या उन्हें कौन सी जिम्मेदारी देनी है, इसे लेकर कोई नियम नहीं है। डीजीपी मुख्यालय के अधिकारियों का भी मानना है कि इन प्रयासों से महिला पुलिसकर्मियों में कॉन्फिडेंस बढ़ेगा बल्कि, पुरुष सहकर्मियों में उनका सम्मान और उन्हें प्रोत्साहित करने की भावना बढ़ेगी। इसी को देखते हुए इसे आनुपातिक ढंग से पूरे प्रदेश में लागू करने की कवायद को लेकर अधिकारियों ने मंथन शुरू कर दिया है।

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इन जिम्मेदारियों पर भी विचार

-कुछ गारदों में एक दारोगा, चार कॉन्सटेबल्स की टीम बनाकर गारद ड्यूटी ली जाए।

-मुनादी टीमों में भी महिला पुलिसकर्मियों की तैनाती

-पैराकारी का काम दिया जाएगा

-आकस्मिक परिस्थिति में सरकारी वाहन की ड्राइविंग

-थानों व चौकियों में एसओ व चौकी इंचार्ज की जिम्मेदारी

Posted By: Inextlive