हरियाली का आकलन करेंगे एक्सपर्ट
- राष्ट्रीय वन सर्वेक्षण संस्थान करेगा सर्वे, जिले में पेड़ों की होगी गिनती
- सर्वेक्षण कार्य पर खर्च होंगे 40 लाख रुपए, 32 लाख स्वीकृत PATNA : बिहार सरकार पिछले क्0 साल में वन क्षेत्र को क्फ् परसेंट बढ़ाने का दावा कर रही है। जिसकी सच्चाई का सर्वे देहरादून वन सर्वेक्षण संस्थान के एक्सपर्ट करेंगे। एक्सपर्ट अगले दो साल तक हर जिले में हरियाली की स्थिति का पता लगाएंगे। जिस पर करीब चालीस लाख रुपए खर्च होने का अनुमान है जिसमें से फ्ख् लाख रुपए की स्वीकृति मिल चुकी है। अंतरराष्ट्रीय मानक के तहत बिहार के कुल भूभाग के फ्फ् परसेंट हिस्से में हरियाली होना चाहिए। जबकि, राष्ट्रीय औसत ख्0 परसेंट है। इसमें पहाड़ी और मैदानी क्षेत्र का औसत अलग-अलग है। पहाड़ी और मैदानी क्षेत्र में क्रमश: क्भ् और ख्0 परसेंट हिस्सा हरियाली का होना चाहिए। ख्000 में 7 परसेंट बचा था वन क्षेत्रवर्ष ख्000 में झारखंड अलग होने के बाद बिहार में हरियाली क्षेत्र 7 परसेंट से भी कम बच गया था। मात्र दस जिले में ही जंगल का अस्तित्व था। पश्चिम चंपारण में सबसे अधिक जंगल एरिया ख्फ्क् वर्ग किमी था जबकि, शेखपुरा में जंगल का नामोनिशान भी नहीं था। बिहार सरकार ने ख्00भ् से हरियाली बढ़ाने की मुहिम शुरू की। ख्0क्7 तक बिहार के कुल भूभाग के क्भ् परसेंट हिस्से में हरियाली का लक्ष्य रखा गया। जिसका नतीजा सुखद रहा। अब सरकार बिहार में करीब क्फ् परसेंट हरियाली होने का दावा कर रही है।
वन एरिया वाले जिले कैमूर, पश्चिम चंपारण, रोहतास, जमुई, मुंगेर, जहानाबाद, गया, औरंगाबाद, नवादा और बांका ख्000 में बिहार में वन की स्थिति कुल वन क्षेत्र : म्,ब्7फ् किमी कुल भूभाग का म्.9 परसेंट वृहत्त सघन वन क्षेत्र : 7म् किमी कुल भूभाग का .08 परसेंट सघन वन क्षेत्र ख्,9भ्क् किमी कुल भूभाग का फ्.क्फ् परसेंट शेखपुरा : 0, पश्चिम चंपारण : ख्फ्क् वर्ग किमी, सिवान : ख् वर्ग किमी, बक्सर : फ् वर्ग किमी, पटना : क्म् वर्ग किमी और गोपालगंज : ब् वर्ग किमी अंतरराष्ट्रीय औसत : फ्फ् परसेंट राष्ट्रीय औसत : ख्0 परसेंट पहाड़ी एरिया का औसत : क्म् परसेंट मैदानी एरिया का औसत : ख्0 परसेंट वर्तमान में क्फ् परसेंट हरित आवरण ख्0क्7 तक क्भ् परसेंट करने का लक्ष्य