-ना तो 65 लाख रुपए की वसूली हुई ना मशीनें चालू की गईं

-सरकार की ओर से पीएमसीएच को लिखे पत्र ने खोली पोल

 

PATNA : पीएमसीएच में म्भ् लाख के केमिकल की एक्सपायरी का मामला करोड़ों की बंद पड़ी मशीन से जुड़ा है। इस मामले में हाईकोर्ट ने पीएमसीएच के उपाधीक्षक डॉ सुधांशु कुमार सिंह को केस निष्पादित करने के पूर्व नोडल पदाधिकारी बनाया था और उम्मीद जताई कि चार माह में पीएमसीएच में बंद पड़ी सभी मशीन, उपकरण को चालू करवा दिया जाएगा और म्भ् लाख के केमिकल्स एक्सपायरी की वसूली कर ली जाएगी। लेकिन ना तो म्भ् लाख रुपए की वसूली हुई और ना है सभी मशीनों को चालू कराया गया। इस मामले में कहा गया था कि संबंधित कर्मियों पर विभाग कार्रवाई सुनिश्चित करेगा। बिहार सरकार के गृह सचिव ने भी स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव से मामले पर कार्रवाई करने की बात की। यह भी निर्देश दिया गया कि कार्रवाई से याचिकाकर्ता विकासचंद्र गुड्डु बाबा को सूचित किया जाए। लेकिन पीएमसीएच अधीक्षक डॉ लखीन्द्र प्रसाद के द्वारा की गई कार्रवाई से ना तो अपने उच्चाधिकारियों को अवगत कराया गया और ना ही याचिकाकर्ता को जानकारी दी गई।

 

स्वास्थ्य विभाग के उपसचिव के पत्र से खुलासा

इस बात का खुलासा क्0-0भ्-क्म् को सरकार के उपसचिव के द्वारा पीएमसीएच अधीक्षक को लिखे पत्र से हुआ है। पत्र में साफ कहा गया है कि उच्च न्यायालय के आदेश का समयबद्ध रूप से अनुपालन किया जाना विभाग की सर्वोच्च प्राथमिकता में है। प्रस्तुत मामले में न्यायादेश का अनुपालन ससमय सुनिश्चित नहीं किया जाना अवहेलना की श्रेणी में माना जा सकता है। उल्लेख है कि इस संबंध में गृह (आरक्षी) विभाग पटना द्वारा भी कृत कार्रवाई की सूचना उपलब्ध कराने का अनुरोध किया गया है। कहा गया है कि -आपको पुन: स्मारित करते हुए निर्देश दिया जाता है कि हाईकोर्ट के उपर्युक्त न्यायादेश का अविलंब अनुपालन सुनिश्चित करते हुए कार्रवाई से याचिकाकर्ता, गह (आरक्षी)विभाग, बिहार सरकार, पटना एवं स्वास्थ्य विभाग को अवगत कराने की कृपा की जाए।

 

ये था मामला

पीएमसीएच का यह मामला ख्0क्ख् का है। इस मामले में डॉ डीके रमण जांच कमेटी के अध्यक्ष बनाए गए थे। तब म्भ् लाख का केमिकल एक्सपायर हो गया था। कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में अनुशंसा की थी कि सर्जिकल स्टोर और नेफ्रोलॉजी डिपार्टमेंट के जिन लोगों पर सवाल उठे हैं उन पर कारवाई हो। लेकिन दो सदस्यीय कमेटी की रिपोर्ट पर भी कोई कार्रवाई नहीं हुई। मामले में गुड्डू बाबा ने हाईकोर्ट में पीआइएल किया और फिर मामले में स्वास्थ्य विभाग ने तेजी दिखाई। लेकिन स्वास्थ्य विभाग के उपसचिव अनिल कुमार के पत्र लिखने का भी कोई असर होता नहीं दिख रहा है।

 

Posted By: Inextlive