राजेंद्र नगर स्थित बांके बिहारी मंदिर के बरातघर पर टैक्स लगाने के मामले में मेयर ने कड़ा रुख अपनाया है। यही नहीं मेयर डाॅ. उमेश गौतम ने यह भी कहा कि धार्मिक स्थल पर टैक्स लगाकर हाईकोर्ट के आदेश की अवहेलना की गई है। उन्होंने कर निर्धारण अधिकारी को पत्र भेजकर टैक्स लगाने पर स्पष्टीकरण मांगा है।

बरेली (ब्यूरो)। हफ्ते भर पहले नगर निगम की टीम ने बांके बिहारी मंदिर परिसर में बने बारातघर पर सील लगा दी थी। बारातघर पर 60 लाख रुपये का टैक्स बकाया निकाला था। बारातघर में बनी रसोई घर, जनरेटर रूम व स्टोर रूम पर सील लगा दी थी। इसके विरोध में मंदिर कमेटी के सदस्यों के साथ तमाम श्रद्धालु धरने पर बैठ गए थे। प्रदर्शनकारियों में शहर विधायक डाॅ. अरुण कुमार भी थे। तब मेयर डाॅ. उमेश गौतम ने अधिकारियों को बुलवाकर बारातघर की सील खुलवाई थी।

हाईकोर्ट का हवाला देकर पूछी वजह

मंदिर कमेटी वालों का कहना था कि बरातघर मंदिर परिसर का ही हिस्सा है, वहां होने वाले आयोजनों से मिलने वाले दान से भंडारा व अन्य धार्मिक कार्य होते हैैं। मामले में मेयर ने ट्यूजडे को मुख्य कर निर्धारण अधिकारी विपिन कुलदीप को पत्र भेजकर धर्मस्थल की संपत्ति पर टैक्स लगाने का कारण पूछा है। उन्होंने इस बाबत हाईकोर्ट के आदेश भी बताए, जिसमें कहा गया है कि किसी भी धार्मिक स्थल की संपत्ति पर टैक्स नहीं लगाया जाएगा।

bareilly@inext.co.in

Posted By: Bareilly Desk