इंडियन इंस्‍टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट कोलकोता अपने कैंपस में लड़कियों की चलहकदमी बढ़ाने में सफल हो ही गया. इससे पहले इस कैंपस में लड़कों का वर्चस्‍व ही रहता था. एडमिशन टेस्‍ट में लड़कियों को एक्‍स्‍ट्रा नंबर देने की आईआईएमसी की यह कोशिश रंग ले ही आई. आईआईएमसी के इस बोल्‍ड स्‍टेप को आईआईएम अहमदाबाद और बैंगलुरू बहुत ही करीब से ऑब्‍जर्ब कर रहे हैं ताकि वे भी अपने फ्यूचर के मैनेजरों में तहजीब पैदा कर सकें.


2013 में 100 लड़कियों की उम्मीदआईआईएमसी फैकल्टी को उम्मीद थी कि 2013 के सेशन में 100 लड़कियां एडमिशन ले पाएंगी. लड़कियों की यह संख्या पहले की अपेक्षा दुगनी है. कैट रिजल्ट के बाद सिलेक्टेड उम्मीदवारों को आईआईएम में एडमिशन के लिए एक रिटेन एबिलिटी टेस्ट और एक इंटरव्यू देना होगा. आईआईएमसी के नए एडमिशन फार्मूले के अनुसार इस बार लड़कियों को इंटरव्यू से पहले की प्रक्रिया में तीन एक्ट्रा प्वाइंट दिए जाएंगे ताकि ज्यादा से ज्यादा लड़कियां इंटरव्यू तक पहुंच सकें.इंटरव्यू में पहुंचीं 25 फीसदी लड़कियां


इस ग्रेस का फायदा हुआ और इंटरव्यू तक 25 फीसदी लड़कियां पहुंचीं. नंबर में काउंट करें तो इस बार 395 लड़कियां इंटरव्यू तक पहुंचीं हैं. यह संख्या पिछली बार की अपेक्षा काफी बड़ी है. लास्ट ईयर इंटरव्यू तक केवल 170 लड़कियां ही पहुंच सकी थीं. आईआईएमसी में एडमिशन के चेयरपर्सन संजीत सिंह ने कहा कि रिटेन एबिलिटी टेस्ट में सिर्फ तीन नंबर एक्स्ट्रा देने से ही इंटरव्यू में लड़कियों की संख्या बढ़ गई. आईआईएमसी में टोटल 462 सीट

आईआईएमसी में कुल 462 सीट हैं. सिंह ने कहा कि यदि पुराने ट्रेंड की बात करें तो इंटरव्यू तक पहुंची लड़कियों में से 20 परसेंट एडमिशन के लिए क्वालीफाइल कर जाती हैं. यदि ऐसा हुआ तो इस बार तकरीबन 100 लड़कियों का आईआईएमसी में फाइनली एडमिशन हो जाएगा. एक्चुअली ये नंबर डबल है. दूसरे शब्दों में कहें तो आईआईएमसी में ज्यादा लड़कियों को एडमिशन देने की हमारी कोशिश कामयाब रही.ताकि तहजीब के साथ महिलाओं का आदर कर सकेंफैकल्टी मेंबर्स का कहना है कि आईआईएमसी ने यह एडमिशन फार्मूले में बदलाव का फैसला इसलिए किया ताकि उनके भविष्य के मैनेजर महिला मुद्दों को समझ सकें और तहजीब के साथ कैंपस में रह सकें. अभी लड़कों की संख्या ज्यादा होने के कारण उनमें डिसिप्लीन का अभाव देखा गया. बस हमने बहुत छोटी सी कोशिश करके महिलाओं की संख्या कैंपस में बढ़ा दी और इस समस्या का समाधान खोज निकाला.

Posted By: Satyendra Kumar Singh