RANCHI: यदि आप पब्लिक डिस्ट्रिब्यूशन सिस्टम(पीडीएस) की दुकानों से राशन पाने के लाभुक हैं। लेकिन दिव्यांग(हाथ या उंगलियां कटी) या बुजुर्ग(हाथों की रेखाएं घिस गईं)होने के कारण बायोमीट्रिक सिस्टम के तहत अंगूठा नहीं लगा पाने से राशन नहीं मिल रहा है तो अब टेंशन लेने की जरूरत नहीं है। सरकार खासकर ऐसे लाभुकों के लिए डीलरों को आईरिश स्कैनर मशीन देगी, जो आपकी आंखों की पुतलियों व रेटिना की पहचान कर आपके सही लाभुक होने की आईडेंटिफाई करेगी। इसके बाद डीलर द्वारा आपको राशन दे दिया जाएगा। बता दें कि राशन डीलरों के पास अब बायोमीट्रिक व आईरिश स्कैनर दोनों मशीनें होंगी।

10 दुकानों में हो रहा एक्सपेरिमेंट

आईरिश स्कैनर कितना सफल होता है इसे देखने के लिए पायलट प्रोजेक्ट के तहत दस पीडीएस दुकानों में यह मशीन उपलब्ध कराकर जांच की जा रही है। इनमें रूरल व अरबन एरिया की 5-5 दुकानें शामिल हैं। ताकि दोनों एरिया में टेस्ट हो सके। लगातार फीडबैक भी लिया जा रहा है। मशीन के सफल प्रयोग के बाद इसे पूरे जिले में शुरू कर दिया जाएगा। इसके उपयोग के लिए राशन डीलरों को ट्रेनिंग भी दी जाएगी।

क्या है आईरिश स्कैनर मशीन

आईरिश स्कैनर मशीन एक दूरबीन की तरह होगी। यह मशीन बायोमीट्रिक से कनेक्ट होगी। इससे लाभुक को अनाज लेने के बाद रसीद भी मिलेगी। मशीन उपलब्ध कराने की जिम्मेवारी विजनटेक को दी गई है। स्टाफ गोपी ने बताया कि मशीन को एक आंख में लगाकर देखना होगा। राशन कार्ड में आधार संख्या लिंक्ड होने के कारण मशीन आसानी से लाभुक की पहचान कर लेती है। उन्होंने बताया कि दुकानदारों को थोड़ी दिक्कत तो हो रही है लेकिन एक बार समझा देने के बाद वे आसानी से कर ले रहे हैं।

वर्जन

यह एक अच्छा प्रयास है। इससे वैसे लाभुक भी अनाज ले सकेंगे, जो दिव्यांग हैं या जिनकी ऊंगली की रेखाएं घिस गई हैं। हालांकि अभी इसे पायलट प्रोजेक्ट के तहत शुरू किया गया है। सफलता मिलते ही इसे सभी दुकानदारों को दे दिया जाएगा।

-मीणा, एसओआर, रांची

Posted By: Inextlive