भुक्तभोगी का दावा अपहर्ताओं के चंगुल से छूटकर बचाई जान. खुद ही पहुंचा लखीमपुर की संसारपुर पुलिस चौकी लखनऊ पुलिस के सुपुर्द.

नेपाल ले जाना चाहते थे अपहर्ता, जानकीपुरम पुलिस ने दर्ज की एफआईआर

LUCKNOW : तन्वी सेठ उर्फ सादिया अनस के पासपोर्ट को लेकर हुए हंगामे के बीच कथित घटना के इकलौते चश्मदीद कुलदीप सिंह को अज्ञात बदमाशों ने शनिवार दोपहर अगवा कर लिया। बताया जा रहा है कि अपहर्ता उसे नेपाल ले जाना चाहते थे, इसी बीच वह लखीमपुर के मैलानी में अपहर्ताओं को चकमा देकर भाग निकला और पुलिस चौकी पहुंचा। पूरी रात चली पड़ताल के बाद कुलदीप को लखनऊ पुलिस के सुपुर्द कर दिया गया। वहीं, रविवार को जानकीपुरम पुलिस ने कुलदीप की तहरीर पर अज्ञात अपहर्ताओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

पिस्टल दिखा गाड़ी में बिठाया

जानकीपुरम के शिवम विहार कॉलोनी निवासी कुलदीप सिंह के मुताबिक, शनिवार दोपहर 1.30 बजे वे अपने आधार कार्ड की फोटो कॉपी कराने के लिये बाइक पर सवार होकर घर से निकले थे। इसी दौरान जब वे सीडीआरआई रोड पहुंचे तभी एक ग्रे स्कॉर्पियो ने उन्हें ओवरटेक किया और उन्हें रोक लिया। कुलदीप के मुताबिक, अभी वह कुछ समझ पाता इससे पहले स्कॉर्पियो से दो लोग नीचे उतरे और उनमें से एक ने उनकी कमर में पिस्टल सटा दी। बदमाशों ने धमकी दी कि वह चुपचाप बाइक को सड़क किनारे पार्क कर दे और स्कॉर्पियो में बैठ जाए। दहशतजदा कुलदीप स्कॉर्पियो में बैठ गया और वे सीतापुर रोड की ओर चल पड़े। जिसके बाद उन बदमाशों ने उसे रुमाल मुंह पर रखकर कुछ सुंघा दिया। जिससे वह बेहोश हो गया। रास्ते में एक बार होश आने पर फिर से उसे कुछ सुंघा दिया गया।

लखीमपुर में आया होश

कुलदीप ने बताया कि रात करीब आठ बजे उसे होश आया तो उसने खुद को स्कॉर्पियो में पाया। स्कॉर्पियो एक ढाबे से कुछ दूर अंधेरे में खड़ी थी और उसे अगवा करने वाले बदमाशों में से दो खाना लेने गए थे। जबकि, एक बदमाश उसके बगल में बैठा था। कुछ देर बाद ही कुलदीप के बगल में बैठा बदमाश ट्वॉयलेट के लिये गाड़ी से नीचे उतरा। यह देख वह भी चुपचाप गाड़ी से उतरकर वहां से भाग निकला। कुलदीप के मुताबिक, उसने वहां लोगों से पूछा तो पता चला कि वह उस वक्त लखीमपुर के गोला-खुटार रोड पर मौजूद था। इसके बाद वह उधर से गुजर रही प्राइवेट बस पर सवार हो गया और नजदीक की पुलिस चौकी संसारपुर पहुंचा। जहां उसने पुलिस को पूरी बात बताई।

पुलिस ने लिये बयान

चौकी पर मौजूद पुलिसकर्मियों ने तुरंत इसकी सूचना इंस्पेक्टर कोतवाली मैलानी बृजेश त्रिपाठी को दी। मौके पर पहुंचे इंस्पेक्टर को कुलदीप ने बताया कि वह पासपोर्ट प्रकरण का इकलौता गवाह है और उसे बदमाशों ने अगवा कर लिया था। यह सुनते ही इंस्पेक्टर त्रिपाठी सन्न रह गए। उन्होंने अपने वरिष्ठ अधिकारियों व एसएसपी लखनऊ दीपक कुमार को पूरी घटना की जानकारी दी। इंस्पेक्टर त्रिपाठी ने बताया कि जिस वक्त कुलदीप पुलिस चौकी पहुंचा बेहद डरा हुआ था। रविवार सुबह जानकीपुरम पुलिस की टीम मैलानी कोतवाली पहुंची और कुलदीप को लेकर वापस लौट आई।

पुलिस ने दर्ज की एफआईआर

एसपी ट्रांसगोमती हरेंद्र कुमार के मुताबिक, पुलिस ने कुलदीप के बयान लिये, जिसमें उसने खुद के संग हुई घटना की जानकारी दी। जिसके बाद पुलिस ने उसकी तहरीर पर तीन अज्ञात बदमाशों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली। उन्होंने बताया कि कुलदीप के बयान ले लिये गए हैं, अब उनकी मोबाइल सीडीआर निकलवाकर जांच की जाएगी कि उनका बयान सही है या नहीं।

तन्वी उर्फ सादिया अनस मामले की पूरी कहानी, कुलदीप की जुबानी

कुलदीप ने बताया कि जिस समय अनस और तन्वी उर्फ सादिया अनस पासपोर्ट दफ्तर पहुंचे, वह भी वहां पर मौजूद था। वह अपना पासपोर्ट रिन्यू कराने के लिये पहुंचा था। उसने बताया कि पासपोर्ट अधिकारी विकास मिश्रा ने तन्वी के डॉक्यूमेंट को लेकर सवाल उठाए थे। लेकिन, कहीं भी उसे प्रताडि़त या दबाव नहीं डाला गया। विकास ने उसके सामने ही तन्वी की फाइल एपीओ के सुपुर्द कर उसे वहां भेज दिया था। कुलदीप ने बताया कि इसके 10 मिनट बाद ही तन्वी के पति अनस का टोकन अनाउंस हुआ। वे पासपोर्ट रिन्यू कराने आए थे। चूंकि, विकास तन्वी का पासपोर्ट देख चुके थे, लिहाजा वे अनस के नाम से वाकिफ थे। कुलदीप के मुताबिक, विकास ने अनस को बताया कि उन्होंने तन्वी की फाइल एपीओ को भेज दी है, इसलिए वे भी वहां जाकर उनसे डिसकस कर लें। अनस ने हामी भरी और वह एपीओ के केबिन में चले गए। इसके बाद कुलदीप आधे घंटे तक पासपोर्ट दफ्तर में ही रहा लेकिन, उस दौरान वहां कुछ भी नहीं हुआ। लेकिन, शाम को मीडिया के जरिए पता चला कि तन्वी उर्फ सादिया अनस ने विकास मिश्रा पर बदसलूकी व धर्म आधारित टिप्पणी करने के झूठे आरोप लगा दिये। अगली सुबह उन्हें पता चला कि तन्वी उर्फ सादिया को पासपोर्ट दफ्तर बुलाकर उन्हें पासपोर्ट सौंप दिया गया। जबकि, यह नियम विरुद्ध है।

Posted By: Inextlive