फेसबुक ने फोटो-वीडियो मैचिंग टेक्नोलाॅजी को सबसे लिए खोल दिया है। सोशल मीडिया दिग्गज ने यह कदम आतंकी गतिविधियों और बाल शोषण सहित गलत मंसूबों वाली पोस्टों की पहचान के लिए उठाया है।


सैन फ्रांसिस्को (आईएएनएस)। सोशल मीडिया दिग्गज फेसबुक ने फोटो और वीडियो की मैचिंग के लिए टेक्नोलाॅजी सबके लिए ओपन कर दिया है। अपने प्लेटफार्म पर बाल शोषण, आतंकी मंसूबों और हिंसा वाले ग्राफिक्स जैसे समाज के लिए नुकसानदायक कंटेंट की पहचान तथा रोकथाम के लिए यह कदम उठाया है। फेसबुक की दोनों टेक्नोलाॅजी से ऐसी तस्वीरों और वीडियो की पहचान हो सकेगी।गलत मंसूबों वाले शेयरिंग कंटेंट के फिंगरप्रिंट की हो सकेगी पहचानफेसबुक इंटेग्रिटी वाइस प्रेसिडेंट गाय रोसेन ने अपने एक बयान में कहा कि फेसबुक का इंडस्ट्री पार्टनर गिटहब पर ये ऐल्गरिदम ओपन सोर्स होंगे। इनकी मदद से छोटे डेवलपर्स और गैर लाभकारी संस्थाओं को फेसबुक पर एब्युसिव कंटेंट की पहचान में मदद मिलेगी। इसके साथ ही ऐसे विभिन्न प्रकार के गलत मंसूबों वाले शेयरिंग कंटेंट का डिजिटल फिंगरप्रिंट की पहचान हो सकेगी।और पावरफुल होगी समाज में हार्मफुल कंटेंट की राेकथाम तकनीक
फेसबुक सेफ्टी के ग्लोबल हेड एंटीगन डेविस ने कहा कि जो लोग पहले से ही ऐसे कंटेंट की पहचान के लिए अन्य टेक्नोलाॅजी का प्रयोग कर रहे थे उनके लिए फेसबुक की ये दोनों नई तकनीकें सुरक्षा के लिहाज से एक अतिरिक्त उपाय होगा। हैश शेयरिंग सिस्टम से वे एकदूसरे से बातचीत करके सोसाइटी के लिए नुकसानदायक कंटेंट से बचाव के तरीकों को और मजबूती देने में कामयाब हो सकेंगे।कंटेंट की पहचान कर बचा सकेंगे बाल यौन शोषण से बच्चों कोअमेरिका में नेशनल सेंटर फाॅर मिसिंग एंड एक्सप्लाॅइटेड चिल्ड्रन के प्रेसिडेंट व सीईओ जाॅन क्लार्क ने कहा कि साइबर टिपलाइन की एक रिपोर्ट के मुताबिक, सिर्फ एक साल में ही बाल यौन शोषण के वीडियो में 541 फीसदी की बढ़ोतरी देखी गई है। क्लार्क ने कहा कि फेसबुक के इस ओपन सोर्स टेक्नोलाॅजी के जरिए ऐसे कंटेंट की पहचान हो सकेगी और बाल यौन शोषण पीड़ितों को बचाया जा सकेगा।

Posted By: Satyendra Kumar Singh