- विभाग की करनी का दंश झेल रहे उपभोक्ता

- बिजली चोरों के सामने बिजली विभाग का सरेंडर

Meerut। शहर में बिजली की मांग और आपूर्ति के भेद को अब पीवीवीएनएल लाइन लॉस कंट्रोल करके पाटेगा। इसके लिए विभाग शहर के ग्रामीण अंचलों तक बिजली चोरों पर धड़ल्ले से कार्रवाई करेगा। यही नहीं कई जगहों पर विभाग की इस ओर से इसकी शुरुआत भी कर दी गई है।

40 प्रतिशत लाइन लॉस

महानगर में टोटल बिजली आपूर्ति का चालीस फीसद लाइन लॉस में जा रहा है। विभागीय सूत्रों की माने तो शहर में इस समय 25 प्रतिशत बिजली चोरी और 15 प्रतिशत बिजली लाइन लॉस में जा रही है।

क्या है लाइन लॉस

दरअसल, लाइन लॉस का मतलब टेक्निकल लैंग्वेज में उस बिजली के उस हिस्से से है, जो चोरी या फिर पुरानी व घिसी पिटी लाइन में बर्बाद हो जाती है।

उपभोक्ता परेशानी में

इस लाइन लॉस का सबसे बड़ा खामियाजा वो उपभोक्ता चुकाते हैं, जो अपना न केवल बिजली चोरी आदि से कोसो दूर है, बल्कि नियमित रूप से अपना बिल भी भरते हैं। लाइन लॉस व चोरी के चलते शहर में बिजली मांग व आपूर्ति का गणित डगमगा जाता है और बिजली आपूर्ति में भारी कमी आ जाती है।

क्यों नहीं रुकता लाइन लॉस

असल में सबसे अधिक लाइन लॉस व बिजली चोरी शहर के उन घनी आबादी वाले इलाकों में है, जहां संप्रदाय विशेष के लोग अधिक संख्या में निवास करते हैं। ऐसी जगहों पर बिजली विभाग के कर्मचारी न केवल नियमित चेकिंग से भी बचते हैं, बल्कि बिजली चोरी की सूचना पर भी कोई अधिकारी वहां रेड डालने से भी कतराते हैं।

लाइन लॉस कंट्रोल करने के लिए विशेष अभियान शुरू किया गया है। एमडी के निर्देशन में जगह-जगह कैंप लगाकर बिजली चोरों पर कार्रवाई की जा रही है।

-आरके राणा, एसई अर्बन मेरठ

Posted By: Inextlive