RANCHI: रिम्स में शनिवार को एकबार फिर खुद को रिम्स का डॉक्टर बताकर रजिस्ट्रेशन करा रहे एक दलाल को पकड़ा गया। वहीं उसके पास से एक मरीज की रजिस्ट्रेशन पर्ची भी मिली। शक होने पर इसकी सूचना काउंटर में रजिस्ट्रेशन कर रहे स्टाफ ने डॉक्टर को दी। इसके बाद ड्यूटी में तैनात सुपरवाइजर अलीम और सिक्योरिटी गार्ड प्रेम ने उसे पकड़कर बरियातू थाना पुलिस के हवाले कर दिया। वहीं डॉक्टर चंद्रभूषण ने इस मामले में लिखित शिकायत की, जिसके बाद पुलिस ने युवक को थाना भेज दिया।

पुलिस को करता रहा गुमराह

पलामू का रहने वाला गणेश मेहता एक पेशेंट की पर्ची कटवा रहा था। शक होने पर जब उससे पूछताछ की गई तो वह जवाब देने में असमर्थ रहा। इसके बाद बरियातू थाना कैंप में उससे पूछताछ की गई। वहां भी उसने सही जानकारी नहीं दी। वहीं पुलिस को उसने गुमराह करने की भी पूरी कोशिश की। इतना ही नहीं, उसने खुद को रिम्स का मेडिकोज भी बताया। जांच करने पर पता चला कि वह रिम्स में पढ़ा ही नहीं। इतना ही नहीं, उसने अपना नाम भी पुलिस को गलत बताया। उसने अपना राम राजेश मेहता बताया था।

एमबीबीएस में एडमिशन के नाम पर ठगी

गणेश मेहता पर मरीजों को ठगने का भी आरोप है। वह दवा दिलाने और टेस्ट के नाम पर भी मरीजों को ठगने का काम कर रहा था। कई बार डॉक्टरों ने उसे देखा लेकिन उसका पहनावा देखकर थोड़ा कनफ्यूज हो गए। लेकिन रंगे हाथ पकड़े जाने पर उसकी पोल खुल गई। साथ ही यह भी जानकारी मिली है कि डेंटल के स्टूडेंट्स को एमबीबीएस में एडमिशन दिलाने के नाम पर भी ठगी कर चुका है। अब तो पुलिस कस्टडी में कई और खुलासे होने की भी संभावना है।

फर्जी डिग्री का भी चलेगा केस

मरीजों और मेडिकोज को ठगने वाला दलाल खुद को मेहता हॉस्पिटल का डायरेक्टर बता रहा था। पढ़ाई के बारे में पूछने पर बताया कि उसने बीएएमएस किया है। लेकिन जब उससे बीएएमएस का फुल फार्म लिखने को कहा गया तो गलत लिख दिया। इससे साफ हो गया कि उसके पास बीएएमएस की डिग्री भी फर्जी है। ऐसे में उसपर फर्जी डिग्री का भी केस चलेगा।

Posted By: Inextlive