मथुरा में आठ साल के मासूम को गोली मारी मौके पर मौत...नोएडा में बहन की सगाई से लौट रहे जिम ट्रेनर को गोली मारी हालत नाजुक...मुंबई एनकाउंटर्स पर बनी फिल्म 'अब तक छप्पन' में नाना पाटेकर का डायलॉग 'गोली मारने से ज्यादा गोली मारने की आदत से बचना जरूरी है' वर्तमान में यह डॉयलाग पुल‍िस की एनकाउंटर स्‍ट्रेटजी पर बिलकुल फिट बैठ रहा है। यहां पढ़ें यह पूरा मामला...


अधिकारियों को चिंता सता रहीजी हां यह दो घटनाएं यह बताने को काफी हैं कि पुलिसकर्मी प्रमोशन या फिर अधिकारियों को इंप्रेस करने के लिये किसी भी हद तक जाने को तैयार हैं। सरकार द्वारा अपराधियों के खिलाफ सख्ती बरतने के आदेश का यह पुलिसकर्मी बेजा फायदा उठाने में जुट गए हैं। नतीजतन, मासूम लोगों की जान पर खतरा मंडराने लगा है। अब अधिकारियों को चिंता सता रही है कि कुछ पुलिसकर्मियों की करतूत से जनता ही अपराधियों के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान के विरोध में न उठ खड़ी हो। 4 दिन में  किए 31 एनकाउंटर
हाल के दिनों में प्रदेश में ताबड़तोड़ क्राइम की घटनाओं के बाद एक्शन में आई पुलिस के बदमाशों के साथ 31 एनकाउंटर हुए। बीते चार दिनों में पुलिस द्वारा की गई ताबड़तोड़ कार्रवाई में तीन बदमाश ढेर कर दिये गए जबकि, 49 बदमाश अरेस्ट किये गए। पुलिस किस तरह से अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई में जुटी है, इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि बीते 24 घंटे में जहां बुलंदशहर में 20 हजार का इनामी मुठभेड़ में घायल हो गया। सीतापुर के महमूदाबाद में मुठभेड़ में एक बदमाश घायल हो गया और कुल पांच बदमाशों को अरेस्ट कर लिया गया।


फजीहत कराने में कोई कसर नहीं सहारनपुर के गागलहेड़ी में 10 हजार का इनामी जवाबी फायरिंग में घायल हो गया। मथुरा के वृंदावन में 12 हजार के इनामी को घायल कर तीन बदमाशों को अरेस्ट किया गया। गाजियाबाद में क्रॉस फायरिंग में एक बदमाश घायल हुआ इसी तरह सीतापुर के तालगांव में 10 हजार का इनामी भी क्रॉस फायरिंग में घायल हुआ। गाजियाबाद के सिंहानी गेट में दो बदमाश घायल हो गए जबकि, मसूरी इलाके में एक बदमाश पुलिस की गोली से घायल हो गया। हालांकि, पुलिस के इन गुडवर्क के बीच नोएडा में दारोगा द्वारा बेकुसूर जिम ट्रेनर को गोली मारने की घटना ने पुलिस की फजीहत कराने में कोई कसर नहीं छोड़ी। अधिकारियों का सुपरविजन जरूरीप्रदेश के पूर्व डीजीपी विक्रम सिंह कहते हैं कि अपराधियों के खिलाफ अभियान चलाना सराहनीय है लेकिन, इस पर अधिकारी का सुपरविजन जरूर होना चाहिये। मथुरा व नोएडा में हुई दोनों घटनाएं पुलिस फोर्स पर दाग लगाने वाली हैं। प्रदेश भर में पुलिसकर्मियों के अच्छे काम पर ऐसी घटनाएं सवालिया निशान लगा देती हैं। पुलिसकर्मी बख्शे नहीं जाएंगे

जांच में दोषी पाए जाने वाले पुलिसकर्मियों के खिलाफ अपराधियों के खिलाफ होने वाली कार्रवाई से भी सख्त कार्रवाई की जाए ताकि आम पुलिसकर्मियों के बीच मैसेज जाए कि पुलिस की पवित्र वर्दी को कलंकित करने वाले पुलिसकर्मी बख्शे नहीं जाएंगे। अगर अपराधी पुलिस पर फायर करेगा तो सेल्फ डिफेंस में जवाबी फायरिंग करना पुलिस का अधिकार है लेकिन, किसी निर्दोष को गोली मार देना कहीं से भी तर्कसंगत नहीं ठहराया जा सकता और ऐसे दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिये।

जुल्मी निकल रहे NRI सैंया भारत में फोन कर मदद मांग रहीं ये बेटियां, शादी से पहले ऐसे करें इनकी पड़ताल

Posted By: Shweta Mishra