- 72,825 पदों में से 1460 पदों पर हुआ था विकलांग कैटेगरी के कैंडीडेट्स का चयन

- 1460 में से करीब 500 कैंडीडेट्स ने लगाया फर्जी मेडिकल सर्टिफिकेट

LUCKNOW: प्रदेश सरकार ने फर्जी विकलांगता प्रमाणपत्र के सहारे नौकरी करने वाले करीब 274 शिक्षकों की सेवाएं समाप्त करने का निर्णय लिया है। इसके तहत शासनादेश जारी कर कार्रवाई के लिए जिला बेसिक शिक्षा अधिकारियों को अधिकृत कर दिया गया है। बता दें कि बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से जनवरी 2015 में 72,825 शिक्षकों की नियुक्ति की कार्रवाई परिषदीय विद्यालयों में की गई है। इस भर्ती प्रक्रिया में बड़े स्तर पर फर्जीवाड़े का खेल सामने आया है।

दो प्रतिशत पर आरक्षण का लाभ

बेसिक शिक्षा परिषद ने अपने स्कूलों में 72,825 शिक्षकों के भर्ती के लिए जो शासनादेश जारी किया था। उसमें दो प्रतिशत आरक्षण का लाभ विकलांग कैटेगरी के कैंडीडेट्स के लिए रखा गया था। इसके तहत इस पूरी भर्ती प्रक्रिया के तहत करीब 1460 पदों पर नियुक्ति का लाभ विकलांग आवेदकों को हुआ है। शासन को शिकायत प्राप्त हुई है कि करीब 500 कैंडीडेट्स ने फर्जी प्रमाणपत्र बनवाकर सीएमओ कार्यालय में साठगांठ कर चयन प्रक्रिया में लगा दिए हैं। जिसको देखते हुए शासन ने संदिग्ध प्रमाण पत्रों और शिकायती पत्रों की जांच कराने का निर्णय लिया है।

274 के फर्जी होने की पुष्टि

शासन ने इसके तहत सीएमओ कार्यालयों में एक विशेष बोर्ड बनवाकर प्रमाणपत्रों व कैंडीडेट्स की जांच के आदेश दिए हैं। शुरुआती जांच में सामने आया है कि करीब 274 प्रमाणपत्रों को बनवाने वाले आवेदक वास्तविक तौर पर विकलांग थे ही नहीं। ऐसे हालात में शासन ने सीएमओ कार्यालय की रिपोर्ट के आधार पर 274 आवेदकों की सेवाएं समाप्त करने के लिए निदेशक को संस्तुति कर दी गई है। सूत्रों की मानें तो 274 शिक्षकों को नोटिस जारी की जा चुकी है। लिहाजा शासन के आदेश के बाद जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी इन शिक्षकों की विदाई कर सकेंगे।

शुरुआती जांच में कुछ सर्टिफिकेट फर्जी पाए गए हैं। इनका आकड़ा 500 से ऊपर है। जिसमें से करीब 250 को नोटिस भी जारी कर दिया गया है। इस पूरे मामले में बीएसए को अपने स्तर से कार्रवाई के आदेश दिए गए हैं।

- दिनेश बाबू शर्मा,

डायरेक्टर, बेसिक शिक्षा

Posted By: Inextlive