RANCHI: रिम्स में पीपीपी मोड पर पैथोलॉजी जांच करनेवाली कंपनी मेडाल ने बीपीएल मरीजों के वैसे टेस्ट भी कर दिए, जो डॉक्टरों ने लिखे ही नहीं थे। इस फर्जी जांच की कंप्लेन मिलने के बाद रिम्स प्रबंधन ने गुरुवार को मेडाल के दो करोड़ का पेमेंट रोक दिया, जिसका भुगतान अब फर्जीवाड़े की जांच होने से पहले नहीं होगा। गौरतलब है कि रिम्स में बीपीएल मरीजों का मुफ्त टेस्ट मेडाल करती है, जिसका पेमेंट राज्य सरकार रिम्स प्रबंधन के माध्यम से करती है। पिछले साल अगस्त में रिम्स कैंपस में मेडाल पैथोलॉजी सेंटर खोला गया था।

भ् की जगह 7 टेस्ट

शिकायत है कि गुरुवार को भी आई डिपार्टमेंट के एक मरीज का जो टेस्ट कराने के लिए डॉक्टरों ने लिखा था, मेडाल में वो नहीं किए गए। बल्कि कुछ अन्य टेस्ट कर दिए गए, जो डॉक्टर ने लिखे ही नहीं थे। कंप्लेन है कि बीपीएल यानी गरीब मरीजों की फर्जी जांच रिपोर्ट का बिल बनाकर रिम्स को दिया गया है। मेडाल ने बढ़ा-चढ़ाकर बिल भुगतान के लिए कई जांच भी जोड़ दिए हैं, वहीं कई मरीजों के साथ लिखे हुए जांच के अलावा भी जांच करने के कंप्लेन मिले हैं। कहा गया है कि पांच टेस्ट के लिए डॉक्टरों ने लिखा, तो मेडाल में सात टेस्ट कर दिए गए।

बॉक्स

रिम्स के टेस्ट भी कर रहा मेडाल

स्वास्थ्य विभाग की ओर से मेडाल के लिए एक नोटिस जारी किया गया था। इसमें स्पष्ट निर्देश था कि वैसे टेस्ट जो रिम्स में नहीं हो सकते हैं, वही मेडाल में किए जाएंगे। लेकिन मेडाल पैथोलॉजी लैब में आने वाले मरीजों के सभी प्रकार के टेस्ट कर उन्हें रिपोर्ट दे रही है। पेमेंट रोकने का एक कारण यह भी बताया जा रहा है।

आमने-सामने।

वर्जन

मेडाल का पेमेंट रोका गया है, ऐसी कोई जानकारी मुझे नहीं है। इस बारे में डायरेक्टर बेहतर बता सकेंगे। हां, विभाग की ओर से एक नोटिस जारी किया गया था कि रिम्स में जो टेस्ट अवेलेबल है, वो टेस्ट मेडाल नहीं करेगा। इसके बावजूद मेडाल सारे टेस्ट कर रहा है। वहीं, फर्जी टेस्ट के भी कई कंप्लेन मिले हैं।

-डॉ। आरके श्रीवास्तव, प्रभारी डायरेक्टर, रिम्स

आज तक रिम्स से एक रुपया भी पेमेंट नहीं किया गया है। अब पेमेंट क्यों रोका गया है, इस पर कुछ कहना ठीक नहीं होगा। पीपीपी मोड पर टेस्ट करने के लिए एमओयू साइन किया गया है। उसमें कहीं भी ऐसा नहीं लिखा है कि केवल रिम्स में नहीं होने वाले टेस्ट ही किए जाएंगे। जबकि एमओयू होने के बाद इसका नोटिस जारी किया गया। इस मामले में स्वास्थ्य विभाग ने फिर से विचार करने की बात कही है।

-दरपा दत्ता, डीजीएम, मेडाल

Posted By: Inextlive