-एसडीएम की सुरक्षा में तैनात कांस्टेबल जाली कागजात पर करता रहा नौकरी

-शिकायत मिलने पर एसटीएफ ने खजनी से दबोचा

-पूर्व में जेल भेजा चुका है आरोपित अजय

GORAKHPUR: जिले में पुलिस की सुरक्षा व्यवस्था में सेंध लगाकर एक फर्जी सिपाही आठ माह तक एसडीएम खजनी विनय कुमार का हमराही बना रहा। यूपी पुलिस का कांस्टेबल मानकर एसडीएम खजनी भी उससे काम लेते रहे। दफ्तर से लेकर आवास तक ड्यूटी लगती रही। मंगलवार को तहसील दिवस पर फरियादियों की समस्या सुनकर समाधान कराने में लगे सिपाही को एसटीएफ गोरखपुर यूनिट की टीम ने अरेस्ट किया। फर्जी कांस्टेबल की गिरफ्तारी से तहसील कर्मचारी सकते में आ गए। पूर्व में अन्य जिलों में पुलिस कर्मचारी बनकर वह प्रशासनिक अधिकारियों संग ड्यूटी कर चुका था। खजनी थाना में मुकदमा दर्ज कर पुलिस जांच पड़ताल में जुटी है।

एसडीएम खजनी को बताया, पुलिस लाइन से आया

पूछताछ में उसकी पहचान संतकबीर नगर जिले के लहुरा देवा निवासी अजय कुमार चतुर्वेदी के रूप में हुई। पूछताछ में उसने बताया कि वह करीब आठ माह से एसडीएम खजनी संग तैनात था। मार्च माह में वह तत्कालीन एसडीएम के पास पहुंचा। उनको बताया कि पुलिस लाइन से ड्यूटी लगाई गई है। इसके पूर्व वह वहां पर एसडीएम संग ड्यूटी कर चुका है। झांसे में लेकर जालसाज ने वहां पर तैनात हो गया। इस दौरान करीब 11 माह तक उसने ड्यूटी कर ली। एसडीएम संग रहने की वजह से वह लोगों से वसूली भी करने लगा। कोतवाली एरिया के घोष कंपनी चौराहे के पास किराए के मकान में रहने वाले अजय कुमार को पड़ोसी भी असली सिपाही समझते थे।

पहले भी पकड़ा जा चुका है अजय कुमार

एसटीएफ के हाथ लगा कांस्टेबल पूर्व में पकड़ा जा चुका है। 2014 में संतकबीर नगर जिले में एसडीएम धनघटा का हमराही बना रहा। 2015 में एसडीएम का ट्रांसफर सिद्धार्थनगर हो गया। फिर वह धनघटा में तैनात में एसडीएम संग नौकरी करने लगा। इस दौरान कुछ लोगों को उसकी हकीकत समझ में आ गई। तो पकड़े जाने के डर से वहां से फरार हो गया। 2017 में फैजाबाद के तत्कालीन एसडीएम संग रहा। फिर रुदौली एसडीएम के पास पहुंचा। फरवरी 2018 में उसका फर्जीवाड़ा सामने आने पर पुलिस ने अरेस्ट कर लिया। तब उसके खिलाफ एफआईआर भी दर्ज कराई गई थी। इस मामले में वह जमानत पर छूटा था। आरोपित के खिलाफ एसटीएफ ने खजनी थाना में मुकदमा दर्ज कराया। उसके पास से एक वर्दी, नेम प्लेट सहित, दो सेट जाड़े में पहने जाने वाली वर्दी, एटीएम कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, 59500 रुपए नकद, आधार कार्ड और एसबीआई का पासबुक बरामद हुआ।

फर्जीवाड़ा की शिकायत पर एसटीएफ ने बिछाया जाल

एसटीएफ उत्तर प्रदेश को सिपाही के संबंध में सूचना मिली। किसी ने बताया कि सिपाही बनकर एक जालसाज एसडीएम संग ड्यूटी कर रहा है। एसटीएफ ने पड़ताल की तो पता लगा कि एक कांस्टेबल एसडीएम खजनी का हमराही बनकर चलता है। वह वायरलेस हैंडसेट का इस्तेमाल कर सूचनाओं को सुनता है। एसडीएम के पास आने वाले फरियादियों से मिलकर उनका काम कराने की जिम्मेदारी भी उठाता है। इंस्पेक्टर सत्य प्रकाश सिंह की टीम ने पुलिस लाइन से उसके बारे में जानकारी ली तो सभी सकते में आ गए। मंगलवार को एसटीएफ टीम खजनी पहुंची। एसडीएम आफिस में ड्यूटी कर रहे फर्जी सिपाही को दबोच लिया। तहसील दिवस पर पब्लिक की समस्या का समाधान कराने का आश्वासन दे रहा था।

सुरक्षा व्यवस्था के लिए बड़ा खतरा

फर्जी सिपाही के पकड़े जाने के बाद कई सवाल खड़े होने लगे हैं। अफसरों को झांसा देकर बकायदा उनकी वर्दी में साथ रहने वाले फर्जी कांस्टेबल का बना रहना भी सवाल खड़े करता है। पुलिस लाइन से बकायदा एसएसपी का आदेश जारी होता है। ऐसे में सवाल उठता है कि प्रशासनिक अफसर ने कभी इस संबंध में कोई तहकीकात क्यों नहीं की। कहा जा रहा है कि होमगाडर््स के मूल विभाग में भेजे जाने की वजह कई अफसरों ने हमराही के लिए सिपाही मांगे थे। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि इस कंफ्यूजन में किसी ने फर्जी कांस्टेबल पर ध्यान नहीं दिया।

Posted By: Inextlive