झूठे दावों और लुभावने वादों पर टिकी राजनीति
राजनीतिक दलों के वादे और उनके काम के बीच फ़ासला लगातार बढ़ रहा है, इससे आम लोगों में निराशा बढ़ रही है. राजनीतिक दलों की विश्वसनीयता अपने निचले पायदान पर पहुंच चुकी है और तेज़ी से घट रही है.कांग्रेस, भारतीय जनता पार्टी और आम आदमी पार्टी की इसके चलते आलोचना हो रही है. हालांकि क्षेत्रीय दल कहीं ज़्यादा झूठे दावे करते हैं और अपने वादों को पूरा नहीं करते. लेकिन मीडिया का ध्यान इन दलों पर कम ही जा पाता है.बहरहाल इस मामले में ताज़ा विवाद एक पोस्टर को लेकर उठा है, जिसमें भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी के बारे में विकीलीक्स के संस्थापक जूलियन असांज को कहते दिखाया गया है कि अमरीका मोदी से डरता है क्योंकि मोदी भ्रष्ट नहीं हैं. यह पोस्टर मोदी और भाजपा के समर्थकों ने ही जारी किया है.'गुजरात का झूठ'
विकीलीक्स ने असांज के ऐसे किसी भी बयान से इनकार किया है. इसके बाद भाजपा की ओर से कहा गया कि मोदी को ना तो असांज और ना ही विकीलीक्स से किसी प्रमाणपत्र की ज़रूरत है. इससे वास्तविकता और दावों की हक़ीक़त में विरोधाभास साफ दिखता है.
पहले मोदी और बाद में उनकी पार्टी लगातार यह कहती रही है कि अन्य राज्यों के मुक़ाबले गुजरात का प्रदर्शन अच्छा है. ऐसा प्रचारित किया जा रहा है विकास का गुजरात मॉडल भारत की सभी बीमारियों का रामबाण इलाज है.