मून के राष्ट्रपति बनने पर उत्तर कोरिया को लेकर दक्षिण कोरिया की नीतियों में बड़ा बदलाव देखा जा सकता है। दक्षिण कोरिया में राष्ट्रपति चुनाव में वामपंथी रुझान वाले उम्मीदवार मून जे-इन ने जीत का दावा किया है।

मून जे-इन डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ़ कोरिया के उम्मीदवार हैं।

मून जे-इन उत्तर कोरिया के साथ बातचीत के पक्ष में हैं जबकि पूर्ववर्ती राष्ट्रपति पार्क गुन हे ने प्योंगयांग के साथ हर तरह के संबंध ख़त्म कर दिए थे।

सियोल में अपने समर्थकों से उन्होंने कहा, "मैं दक्षिण कोरिया का राष्ट्रपति बनूंगा"।

दक्षिण कोरिया में राष्ट्रपति चुनाव के नतीजे अभी आने बाकी हैं, लेकिन टीवी पर दिखाए जाने वाले एग्ज़िट पोल के मुताबिक मून जे-इन को 41.4 फ़ीसदी वोट मिले हैं और रूढ़िवादी उम्मीदवार होंग जून प्यो को 23.3 प्रतिशत वोट मिले हैं।

मून जे- इन अपनी पत्नी के साथ, वो दक्षिण कोरिया के इतिहास के कई अहम मोड़ का हिस्सा और गवाह रहे हैं

मू दारवादी राष्ट्रपति रॉह मू-ह्यून के वरिष्ठ सहयोगी के तौर पर काम कर चुके हैं। राष्ट्रपति रॉह मू-ह्यून ने 2009 में भ्रष्टाचार के आरोप लगने के बाद आत्महत्या कर ली थी।

 

क्या हैं उनकी नीतियां?

मून उत्तर कोरिया पर प्रतिबंध और दबाव बनाए रखते हुए बातचीत करने के पक्ष में हैं, जबकि पूर्व राष्ट्रपति पार्क गुन हे ने उत्तर कोरिया से सभी रिश्ते ख़त्म कर लिए थे।

वो उत्तर कोरिया के हथियार कार्यक्रम पर लगाम न कस पाने के लिए पूर्व राष्ट्रपतियों की आलोचना करते रहे हैं।

इन चुनावों में दक्षिण कोरिया के लोगों के लिए भ्रष्टाचार, अर्थव्यवस्था और बढ़ी हुई बेरोज़गारी जैसे मुद्दे अहम रहे हैं।

 

 

Posted By: Satyendra Kumar Singh