फैमिली के दबाव के बाद भी अखिलेंद्र ने लिया सिंगल गर्ल चाइल्ड का फैसला

ALLAHABAD: बुजुर्गो का कामन माइंड सेट है। बहुओं को जब भी आर्शीवाद देंगे तो बेटे के होने का ही आशीष देते हैं। ऐसे में फैमली के अगेंस्ट जाकर सिंगल गर्ल चाइल्ड का फैसला लेना किसी चैलेंज से कम नहीं होता। मेहदौरी के अखिलेंद्र प्रताप सिंह ने इस चैलेंज को स्वीकार करते हुए सिंगल गर्ल चाइल्ड फैसला लिया। प्राइवेट कम्पनी में सीनियर पोस्ट पर वर्क करने वाले अखिलेन्द्र और उनकी पत्‍‌नी ने बेटी के जन्म के बाद कभी बेटे की चाह नहीं जतायी। अखिलेंद्र बताते हैं इस बात के लिए उन्होंने खुद अपनी पत्‍‌नी को कंवेंस किया।

अभी भी सुनने को मिलता है ताना

अखिलेन्द्र प्रताप सिंह ने बताया कि उनकी बेटी आयुषी सिंह का जन्म सात वर्ष पूर्व हुआ था। मूलरूप से आजमगढ़ के मूल निवासी अखिलेन्द्र ने बताया कि बेटी के जन्म के बाद पैरेंट्स के साथ ही रिलेटिव्स का भी दबाव बना। बेटे के लिए पैरेंट्स से फिर से बेबी प्लान करने की सलाह दी। लेकिन उन्होंने पहले ही निर्णय ले लिया था कि अब बेटी को अच्छी शिक्षा देना और उसकी सभी इच्छाएं पूरी करना ही जीवन का मकसद है। हालांकि सात साल बीतने के बाद भी कई बार फैमली गैदरिंग में उन्हें इस बात का ताना मिल जाता है। लेकिन उन्हें किसी की बात से अब कोई फर्क नहीं पड़ता और ना ही अपने डिसीजन पर कोई पछतावा होता है। अखिलेन्द्र बताते है कि आज के समय में एक बच्चे को अच्छी परवरिश देना ही सबसे सही डिसीजन है। एक से अधिक बच्चें पैदा करने और उनकी सही परवरिश ना कर पाने से बेहतर है कि एक बच्चों को ही अच्छी परवरिश दे। उसको पूरी आजादी के जीवन जीने की छूट दे। उन्होंने बताया कि उनकी ख्वाहिश है कि वह अपनी बेटी को पूरी आजादी से जीने का माहौल दें। इसके लिए वह कुछ भी करने को तैयार हैं। उन्होंने बताया कि बेटी का डांस में रुझान देखकर ही उसे फिलहाल पढ़ाई के साथ डांस की ट्रेनिंग भी दिला रहे हैं। आगे चलकर भी बेटी की इच्छा के अनुसार ही उसे करियर बनाने में मदद करना है। उस पर किसी भी प्रकार को प्रेशर नहीं डालना है।

Posted By: Inextlive