दुनिया के फेमस फिजीसिस्‍ट स्टीफन हॉकिंग आज यानि 14 मार्च को इस दुनिया को हमेशा के लिए अलविदा कहकर चले गए। करीब 21 साल की उम्र से लेकर अबतक उनकी जिंदगी एक व्‍हीलचेयर पर ही चलती रही क्‍योंकि उन्‍हें मोटर न्यूरॉन डिसीज नाम की असाध्‍य बीमारी हो गई थी। कोई और इंसान होता तो ऐसी बीमारी और उससे जुड़ी लाचारी को ताउम्र दोष देता रहता लेकिन स्टीफन हॉकिंग ऐसी हालत में भी लगातार वैज्ञानिक रिसर्च में जुटे रहे। उन्‍होंने ब्रम्‍हांड की उत्‍पत्ति से लेकर स्‍पेस रिसर्च के क्षेत्र में तमाम ऐसे सिद्धांत पेश किए जिन्‍हें पूरी दुनिया सालों तक याद रखेगी।

स्टीफन हॉकिंग ने दुनिया को क्या क्या दिया?

ऑक्सफोर्ड यूनीवर्सिटी से फिजिक्स में फर्स्ट क्लास डिग्री लेने वाले विश्व के फेमस भौतिक विज्ञानी स्टीफन हॉकिंग जब 21 साल के ही थे, तभी डॉक्टरों ने उन्हें कह दिया था कि वो दो या तीन साल से ज्यादा वक्त तक जी नहीं पाएंगे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ और 14 मार्च 2018 को वो दुनिया से विदा हुए। विज्ञान के द्वारा दुनिया बदलने की सोच रखने वाले स्टीफन हॉकिंग ने अपने लकवाग्रस्त शरीर के बावजूद विज्ञान के क्षेत्र में कई यादगार काम किए। इनमें ब्लैक होल, बिगबैंग, ब्रह्मांड विज्ञान, क्वांटम मैक्नेक्सि और थर्मोडायनमिक्स को खासतौर पर गिना जा सकता है। स्टीफन हॉकिंग भले ही भगवान की सत्ता में यकीन नहीं करते थे, लेकिन उनके वैज्ञानिक लॉजिक ने दुनिया को बहुत कुछ नया सोचने को मजबूर किया। आगे जानते हैं कि भौतिक विज्ञान से लेकर ब्रह्मांड के बारे में हॉकिंग ने क्या क्या खास बताया।


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बिग बैंग

ब्लैक होल के बारे में दुनिया को बहुत सारी अनोखी जानकारियां देने के साथ ही हॉकिंग ने इस ब्रम्हांड की उत्पत्ति यानि बिगबैंग के बारे में महत्वपूर्ण खोज की है। अपने रिसर्च गाइड डेनिस स्काइमा के निर्देशन में हॉकिंग ने बिगबैंग के बारे में अपनी रिसर्च शुरु की। हॉकिंग ने अपनी ब्लैकहोल थ्योरी का एक नया मॉडल पेश किया जो बताता है कि दरअसल बिगबैंग किसी ब्लैकहोल का ही विनाश यानि पतन है। जिससे हर बार दोबारा नए ब्रम्हांड का जन्म होता है। हॉकिंग ने प्रोफेसर पेनरोज के साथ मिलकर अपना बिगबैंग का जो सिद्धांत दुनिया के सामने रखा, वो बताता है कि हमारा ब्रह्मांड ब्लैक होल के केंद्र यानि सिंगुलैरिटी से पैदा हुआ होगा। उनके अनुसार अरबों खरबों सालों में ब्रम्हांड के यही ब्लैकहोल टूटकर नए ब्रम्हांड को जन्म देते हैं। हॉकिंग द्वारा दिए गए ब्रम्हांड के इस सिद्धांत को दुनिया के ज्यादातर वैज्ञानिक सच मान चुके हैं। इस वीडियो में देखिए हॉंकिंग का अंतिम अहम इंटरव्यू।

 

 

 

क्वांटम थ्योरी और जनरल रिलेटीविटी का सिद्धांत

हॉकिंग ने असाधारण काम करते हुए भौतिक विज्ञान के दो अलग अलग क्षेत्रों को एक साथ पेश किया, जैसा पहले कभी नहीं हुआ था। क्वांटम थ्योरी के अंतर्गत दुनिया की सबसे छोटी चीजों जैसे परमाणु के बारे में जानकारी मिलती है, जबकि जनरल रिलेटीविटी यानि सामान्य सापेक्षता के सिद्धांत में ब्रह्मांड की विशालकाय चीजों जैसे तारों और आकाशगंगाओं के बीच के समीकरणों पर प्रकाश डाला जाता है। सामान्य तौर पर ये दोनों सिद्धांत एक दूसरे के विपरीत लगते हैं। जैसे सापेक्षता का सिद्धांत बताता है कि ब्रह्मांड कागज के एक पन्ने की तरह समाट और निरंतरता लिए हुए है। जबकि दूसरी ओर क्वांटम थ्योरी बताती है कि ब्रह्मांड की हर छोटी बड़ी चीज सबसे निचले स्तर दानेदार है और ऐसे ही छोटे छोटे अनगिनत ढेरों से बन पाई है।


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थ्योरी ऑफ एवरीथिंग

दुनिया में थ्योरी ऑफ एवरीथिंग के मामले में भी हॉकिंग का लॉजिक काफी साफ है। उनका माना था कि हमारे ब्रह्मांड का निर्माण स्पष्ट रूप से परिभाषित खास सिद्धातों के आधार पर ही हुआ है। हॉकिंग का कहना था कि ये सिद्धांत हमें इस सवाल का जवाब देने के लिए पर्याप्त है कि हमारे ब्रह्मांड का निर्माण आखिर कैसे और क्यों हुआ। इसके अलावा ब्रह्मांड का अंत क्या होगा। वैसे इन सवालों का जवाब अब हॉकिंग तो नहीं दे पाएंगे, क्योंकि अब वो इस दुनिया में नहीं हैं, लेकिन एक बात तो साफ है कि इन सवालों का जवाब अगर मिल जाए तो हम शायद भगवान या God के दिमाग को समझ पाएंगे।

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Posted By: Chandramohan Mishra