- परीक्षण के बाद आरडीएसओ ने दी एसी कोचों में पं ा लगाने की संस्तुति

- एलएचबी व पुराने कोचों का संयोजन है हाइब्रिड, अब बंद हो गया है निर्माण

GORAKHPUR: हाइब्रिड एसी बोगियों में सफर करने वले लोग अब एसी फेल होने की कंडीशन में बेचैन नहीं होंगे। जल्द ही अब इन बोगियों में भी पंखे चलते नजर आएंगे। लगातार परीक्षण के बाद रिसर्च डिजाइन एंड स्टैंडर्ड आर्गनाइजेशन, लखनऊ (आरडीएसओ) ने एसी बोगियों में पंखा लगाने के लिए जोनल कार्यालयों को हरी झंडी दिखा दी है। आरडीएसओ की अनुमति के बाद रेलवे के कारखानों में पंखा लगाने की प्रॉसेस शुरू हो चुकी है। दरअसल, हाइब्रिड बोगियां लिंक हाफमैन बुश (एलएचबी) और परंपरागत (पुराने) कोचों का समन्वय है। बोगियां आधुनिक एलएचबी की हैं, जबकि नीचे ट्राली पुरानी बोगियों के ही लगाई गई हैं।

एलएचबी की एसी बोगियों में पंखे नहीं लगते हैं। इन कोचों में पॉवर कार लगे रहते हैं, जो 24 घंटे बिजली देते हैं। लेकिन बोगी के नीचे पुराने मॉडल की ट्राली का संयोजन होने के चलते आए दिन एसी जवाब देती रहती है। गर्मी के दिनों में यात्रियों की परेशानी बढ़ जाती है। ट्रॉली में बैट्री लगी रहती है। ऐसे में मिल रही शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए आरडीएसओ ने गहन परीक्षण के बाद हाइब्रिड के एसी कोचों में पंखा लगाने की अनुमति प्रदान कर दी है। फिलहाल, जो कोच ट्रेनों में चल रहे हैं उनमें ही पंखे लगाए जाएंगे। गोरखपुर से बनकर चलने वाली 12541 गोरखपुर-एलटीटी एक्सप्रेस में हाइब्रिड कोच ही लगते हैं। वर्तमान में सिर्फ एलएचबी कोचों का ही निर्माण हो रहा है।

हाइब्रिड एसी कोचों में पंखा लगाने के लिए अनुमति प्रदान कर ली गई है। एसी कोचों में भी पंखा लग जाने से यात्रियों को राहत मिलेगी।

- पंकज कुमार सिंह, सीपीआरओ, एनई रेलवे

Posted By: Inextlive