- क्रमिक अनशन पर बैठे पांच किसान, आरपार की लड़ाई का एलान

- बकाया भुगतान के लिए मवाना चीनी मिल के खिलाफ मोर्चा

Mawana : करोड़ों रुपये बकाया भुगतान के विरोध में अखिल भारतीय किसान सभा ने मवाना चीनी मिल प्रबंधन के खिलाफ मोर्चा खोल सोमवार को गन्ना समिति कार्यालय के समक्ष बेमियादी धरना व क्रमिक अनशन शुरू किया। पहले दिन मंडलीय सचिव व जिलाध्यक्ष समेत पांच लोग क्रमिक अनशन पर बैठे। प्रदर्शनकारियों ने आरपार की लड़ाई का एलान किया है।

क्रमिक अनशन शुरू

दरअसल, अन्य चीनी मिलों की तुलना में मवाना चीनी मिल भुगतान अदायगी में फिसड्डी रही है। करोड़ों रुपये बकाया और वर्तमान पेराई सत्र का भुगतान नहीं हो सका है। पूर्व घोषित कार्यक्रम के तहत अखिल भारतीय किसान सभा के नेतृत्व में गन्ना किसानों ने मवाना चीनी मिल के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए सोमवार को गन्ना समिति गेट पर बेमियादी धरना व क्रमिक अनशन शुरू किया। सुबह दस बजे से किसान धरना स्थल पर पहुंचना शुरू हो गए थे।

मिलीभगत से उत्पीड़न

इसी क्रम में संगठन के मंडलीय सचिव कामरेड जितेंद्र पाल सिंह, जिलाध्यक्ष जगदीश आर्य, ब्लाक अध्यक्ष राजपाल शर्मा, जगदीश कोहला व कर्मवीर सिंह सीना क्रमिक अनशन पर बैठे। हरवीर सिंह निलोहा, मनोज धामा व उमेश यादव आदि वक्ताओं ने कहा कि चीनी मिलों व सरकार की मिलीभगत से गन्ना किसानों का उत्पीड़न किया जा रहा है। हालात यह हैं कि भुगतान प्राप्त करने के लिए आंदोलन का सहारा लेना पड़ रहा है।

ब्याज भी वसूलेंगे

चेतावनी दी कि लड़ाई आरपार की होगी। गत वर्ष का बकाया भुगतान ब्याज समेत लेकर ही दम लेंगे। धरने की अध्यक्षता संग्राम सिंह रानी नंगला ने की। पूर्व विधायक गोपाल काली, अतुल खटीक, राजपाल सिंह, सुशील शर्मा, भोला चौधरी, नरेंद्र व दिनेश समेत सैकड़ों किसान मौजूद थे। उधर, किसानों के आंदोलन के मद्देनजर भारी पुलिस बल के साथ सीओ संकल्प शर्मा और थाना प्रभारी परशुराम गन्ना समिति कार्यालय पर डटे रहे।

कैसे चोरी हुआ गन्ना

धरने के दौरान किसानों ने सचिव का घेराव कर कहा कि गत वर्ष ब्0 करोड़ रुपये का गन्ना तितावी और फ्8 करोड़ रुपये का गन्ना मवाना मिल से चोरी-छिपे भेज दिया गया। आरोप है कि जब उक्त गन्ना ले जाया जा रहा था तो सचिव क्या कर रहे थे? इस पर सचिव बोले, मुझे पता नहीं चला, लेकिन रात में केंद्र पर छापामारी की थी। इस पर किसानों ने कहा कि हमने गन्ना समिति के मार्फत दिया है और हमें भुगतान चाहिए। कुछ किसानों ने मंगलवार को डीसीओ के समक्ष मामला उठाने की बात कही।

राजनैतिक पार्टी का धरना नहीं

किसान यूनियन से संबद्ध एक किसान ने संबोधन में कहा कि यह धरना राजनैतिक नहीं है, बल्कि किसानों का है। यहां बैठे राजनैतिक दलों के लोग राजनीति न करें, बल्कि किसान हित की बात कर भुगतान के लिए संघर्ष करें।

डीसीओ को बुलाने की मांग

धरने के दौरान किसानों ने बंधक बनाकर बैठाए गए सचिव अनिल यादव से मंगलवार को धरने में डीसीओ को बुलाने की मांग की। न-नुकर पर जमकर खरी-खोटी सुनाई तो सचिव बोले कि उन तक संदेश पहुंचा दिया जाएगा।

सचिव के आवास पर करेंगे भूख हड़ताल

पूर्व विधायक गोपाल काली ने कहा कि मंगलवार से किसान धरनास्थल पर रहेंगे और नेता सचिव के आवास पर भूख हड़ताल करेंगे। इस पर कुछ लोगों ने कहा कि फिर तो सचिव को भी भूखा-प्यासा रहना पडे़गा। इस पर एक बुजुर्ग ने चुटकी भी ली।

Posted By: Inextlive