अतिरिक्त मुआवजा न मिलने पर टंकी पर चढ़े किसान

हंगामा करने वालों का लेखा जोखा जुटा रही पुलिस

Meerut। मेरठ वालो कूद जाऊंगा, फांद जाऊंगा, मर जाऊंगा। 'वीरू' बने किसान अतिरिक्त मुआवजे की मांग तो कर रहे थे, लेकिन दिनभर इंतजार के बाद मौसी (एमडीए अफसर) नहीं पहुंची। रविवार को मेरठ के शताब्दीनगर में एक बार फिर फिल्म शोले का सीन रीप्ले हो रहा था। एक दर्जन से अधिक महिलाएं और किसान 250 फीट ऊंची पानी की टंकी पर चढ़ गए। दिनभर चले हाईवोल्टेज हंगामे के बाद किसानों ने बैठक कर सोमवार को बड़े आंदोलन की भूमिका बनाई।

फिर भड़के, टंकी पर चढ़े

मेरठ की शताब्दीनगर योजना के लिए 6 गांवों की भूमि का अधिग्रहण तो किया गया किंतु मुआवजे का आवंटन सही से नहीं हुआ। जिसकी वजह है कि सैकड़ों एकड़ जमीन एक ओर मुआवजा वितरण के बाद भी किसानों के कब्जे में ही है। वहीं प्राधिकरण ने आवंटन प्रक्रिया के तहत हजारों आवंटियों की मेहनत की गाढ़ी कमाई को फंसा दिया। आवंटियों ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया तो कोर्ट ने सरकार समेत मेरठ के पुलिस- प्रशासनिक अधिकारियों को कब्जा दिलाने का आदेश दिए। जिसके बाद एक बार फिर कब्जा लेने पहुंची प्राधिकरण की टीम को किसानों ने खदेड़ दिया तो वहीं समझौते की संभावनाएं नहीं बनती दिखी तो रविवार को किसान और महिलाएं सेक्टर 4 स्थित पानी की टंकी पर चढ़ गए। किसान नेता विजयपाल घोपला का कहना है कि लड़ाई आरपार की होगी।

आज से तेज होगा आंदोलन

भारतीय किसान यूनियन के नेता संजय दौरालिया ने बताया कि सोमवार से किसान आंदोलन बड़ा रूप लेगा। मेरठ एवं आसपास के जनपदों से किसान धरनास्थल पर पहुंचेंगे और अतिरिक्त मुआवजे की मांग को लेकर आवाज बुलंद करेंगे।

डीएम ने दिए निर्देश

वहीं जिलाधिकारी अनिल ढींगरा ने एक बार फिर प्राधिकरण समेत एमडीए अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे किसानों के कब्जे से जमीन को मुक्त कराने के लिए कार्रवाई जारी रखें। सोमवार को पुलिस-प्रशासन के साथ प्राधिकरण के अधिकारी एक बार फिर शताब्दीनगर में अवैध कब्जे के खिलाफ अभियान चलाएंगे।

Posted By: Inextlive