सेंट्रल फाॅर्म लाॅ के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों ने बुराड़ी जाने से मना कर दिया है। गृहमंत्री अमित शाह ने किसानों से बुराड़ी में शांतिपूर्वक प्रदर्शन करने की अपील की थी मगर किसानों ने इससे मना कर दिया। किसान यूनियन का कहना है उन्हें बुरारी में क्यों जाना चाहिए इसका जवाब चाहिए।

नई दिल्ली (एएनआई)। किसानों ने रविवार को गाजियाबाद-दिल्ली सीमा पर सेंट्रल फाॅर्म लाॅ के खिलाफ अपना विरोध जारी रखा। भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) ने पूछा कि उन्हें राष्ट्रीय राजधानी के बाहरी इलाके बुरारी में समागम ग्राउंड में प्रदर्शन को स्थानांतरित करने के लिए क्यों अपील की जा रही है? भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने एएनआई से बात करते हुए कहा, "विरोध प्रदर्शन रामलीला मैदान में होता है, फिर हमें निजी सुविधा वाले निरंकारी भवन में क्यों जाना चाहिए?"

शर्तों के साथ बातचीत को नहीं तैयार
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने निरंकारी समागम ग्राउंड पर इकट्ठा होने की अपील करते हुए कहा था कि केंद्र 3 दिसंबर के निर्धारित दिन से पहले ही बातचीत के लिए तैयार है। इस बीच, दिल्ली-हरियाणा सीमा पर सुरक्षा कड़ी कर दी गई है, क्योंकि किसान, जो कृषि कानूनों का विरोध कर रहे हैं, दिल्ली बाॅर्डर पर रुके हुए हैं। किसानों ने आगे कहा कि सरकार को "खुले दिल" के साथ आगे आना चाहिए न कि "शर्तों" के साथ। बीकेयू के पंजाब अध्यक्ष, जगजीत सिंह जो दिल्ली-हरियाणा पर बैठे हैं उन्होंने कहा, 'अमित शाह जी ने एक शर्त पर जल्द बैठक करने का आह्वान किया है; यह अच्छा नहीं है। उन्हें खुले में बातचीत की पेशकश करनी चाहिए थी। बिना किसी शर्त के साथ। हम अपनी प्रतिक्रिया पर फैसला करने के लिए कल (रविवार) सुबह एक बैठक करेंगे।'

दिल्ली चलो मार्च
दिल्ली प्रशासन ने बुरारी मैदान पर प्रदर्शन करने को कहा है। कुछ सौ लोग शनिवार सुबह वहां टिकरी बॉर्डर के माध्यम से दिल्ली में प्रवेश करने की अनुमति देने के बाद वहां पहुुचे, जबकि हजार से ज्यादा अन्य किसान अभी भी दिल्ली के अंदर प्रदर्शन करने की मांग कर रहे। किसान यूनियन अमृतसर के किसानों ने कहा कि अगर सरकार वास्तव में उनकी समस्याओं को सुनना चाहती है, तो वे सिंघू सीमा पर आकर बात कर सकते हैं।' पंजाब और हरियाणा के ज्यादातर किसानों ने तीन नए कृषि कानूनों के विरोध में 'दिल्ली चलो' मार्च निकाला,जो अभी तक जारी है।

Posted By: Abhishek Kumar Tiwari