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नंबर गेम

- 1 हेक्टेयर केले की खेती के लिए एक लाख रुपए की जरूरत होती है।

- 2 किश्तों में 40 हजार रुपए उद्यान विभाग की तरफ से सब्सिडी के रूप में मदद दी जाती है।

- 30 हजार रुपए उद्यान विभाग की ओर से किसानों को टिशू कल्चर पौधे के लिए दिए जाते हैं।

- 10 हजार रुपए दूसरी किश्त दूसरे साल उर्वरक व जैव उर्वरक के लिए दिए जाते हैं।

- 30 हजार पौधे लगाए जाते हैं एक हेक्टेयर में।

- 22 हजार पौधे उद्यान विभाग की ओर से दिए जाते हैं। शेष किसानों को लगाना होता है।

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- केले की खेती पर 40 परसेंट मिल रही सब्सिडी से बढ़ी पैदावार

- पांच साल में पांच गुना बढ़ा है खेती का दायरा व उत्पादन

GORAKHPUR: सीएम सिटी के रूप में गोरखपुर की तो यूं भी हर तरफ चर्चा है लेकिन अब यह जल्द ही केले की खेती के लिए भी जाना जाएगा। सरकार से मिल रही 40 परसेंट सब्सिडी का परिणाम है कि पांच साल में तेजी से किसानों का रूझान केले की खेती की तरफ बढ़ा है और जिले के चार प्रमुख एरिया में केले की खेती होने लगी है। यहीं नहीं केले का उत्पादन और खेती का भी दायरा बढ़ गया है। किसानों के लिए केला अब नगदी फसल के रूप में अपनी पहचान बना रहा है।

गन्ना का बन रहा विकल्प

केला किसानों के लिए जिले में गन्ना का विकल्प बनता नजर आ रहा है। पिछले पांच साल के रिकॉर्ड पर नजर डालें तो केले की खेती में छह फीसदी का इजाफा हुआ है और एक विशेष एरिया से निकलकर अब यह पूरे जिले के लिए नगदी फसल बनता जा रहा है।

पहले कैंपियरगंज में ही होती थी खेती

पहले केला केवल कैंपियरगंज एरिया में ही सीमित मात्रा में पैदा किया जाता रहा है, लेकिन किसानों को हो रहे लाभ की देन है कि अब कैंपियरगंज के साथ ही जंगल कौडि़या, भटहट, सरदार नगर और चौरीचौरा एरिया में इसकी खेती हो रही है। इन एरिया में कभी सबसे अधिक गन्ने की खेती होती थी लेकिन अब किसानों का रूझान नगदी फसल के रूप में केले की तरफ है।

इस तरह बढ़ता गया पैदावार

साल एरिया (हेक्टेयर) उत्पादन (कुंतल में लगभग)

2011 700 6.30 लाख

2012 800 7.20 लाख

2013 1000 9 लाख

2014 1500 13.50 लाख

2015 2200 19.80 लाख

2016 3000 27 लाख

2017 3200 30 लाख

वर्जन

जिले में केले की खेती को बढ़ावा देने के लिए कार्य किया जा रहा है। किसानों को योजनाओं के तहत आर्थिक मदद के साथ ही खेती को कैसे बढ़ाएं, इसके लिए समय-समय पर कृषि वैज्ञानिकों से प्रशिक्षण भी दिलवाया जाता है।

डीके मिश्रा, अधीक्षक, राजकीय उद्यान

Posted By: Inextlive